पीएम नरेन्द्र मोदी के संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग दिवस की अहमियत बताने के बाद से योग के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ी है, जिसके बाद से दिनों दिन योग सीखने वालों की संख्या बढ़ रही है। लकुलिश योग यूनिवर्सिटी में सर्टिफिकेट से लेकर एमफिल, पीएचडी तक के कोर्स कराए जाते हैं। जिसमें छह सालों में संख्या तीन गुना तक बढ़ गई है। देशभर से लोग यहां योग सीखने आते हैं। युवा इसे कैरियर के रूप में अपनाने लगे हैं। इसमें रोजगार के भी बेहतरीन अवसर हैं।
-डॉ.चंद्र सिंह झाला, कुलपति, लकुलिश योग यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद
योग न सिर्फ लोगों को तनाव और विभिन्न रोगों से मुक्ति दिलाने में मददगार साबित होता है, बल्कि इसकी शिक्षा और प्रशिक्षण लेने के बाद रोजगार के भी बेहतर अवसर उपलब्ध हैं। आगामी समय योग का है। सबसे ज्यादा मांग योग टीचर ट्रेनिंग सर्टिफिकेट कोर्स की है। साल में तीन सौ के करीब विद्यार्थी यह कोर्स कर रहे हैं, जो २०१५ में महज ३९ ही थे।
-सचिन पटेल, प्रभारी, योग टीचर ट्रेनिंग कोर्स, लकुलिश योग विवि
पहले ज्यादातर बुजुर्ग और बीमार व्यक्ति योग सीखने आते थे। लेकिन जब से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाना शुरू हुआ है, तब से काफी जागरुकता लोगों में आई है। आज युवा और महिलाएं बड़ी संख्या में योग सीखने आते हैं। जिम जाने वाले युवा भी आज योग को तवज्जो और अहमियत देने लगे हैं।
-धीरज वशिष्ठ, योग प्रशिक्षक
वर्ष प्रवेश संख्या
२०१३-१४-१५१
२०१४-१५- १०५
२०१५-१६- ३८९
२०१६-१७ -३८८
२०१७-१८- ३८०
२०१८-१९- ४५०
-(संख्या-बीए,बीएससीए,एमए,एमएससी, डिप्लोमा, एमफिल, वाईटीटीसी सभी में प्रवेश पाने वालों की है।)