scriptश्री हरिचरित्रामृत सागर कथा को मिला गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में स्थान | Shri Haricharitramrit Sagar Katha,Guinness Book of Record | Patrika News
अहमदाबाद

श्री हरिचरित्रामृत सागर कथा को मिला गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में स्थान

छह वर्ष, चार माह व 18 दिन चली सागर कथा

अहमदाबादJun 01, 2020 / 11:56 pm

Gyan Prakash Sharma

श्री हरिचरित्रामृत सागर कथा को मिला गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में स्थान

श्री हरिचरित्रामृत सागर कथा को मिला गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में स्थान

वडोदरा. वडोदरा में कारेलीबाग तथा कुंडलधाम के ज्ञानजीवन दास महाराज की श्री हरिचरित्रामृत सागरकथा को सबसे लम्बी ऑडियो बुक के टाइटल से ‘गिनीज बुक रिकार्ड्स’ में स्थान मिला है। यह सागर कथा 6 वर्ष, चार माह और 18 दिन तक हुई थी, जिसमें 2440 घंटे, 44 मिनट और 52 सेंकड हुए थे।
ज्ञानजीवनदास स्वामी ने 10 जून , 2011 को ‘सागरकथा’ का प्रारंभ किया था, जो 26 अक्टूबर 2017 को कुंडलधाम में ही पूर्ण हुई थी।

आधारानंद स्वामी रचित ‘श्री हरिचरित्रामृत सागर’ भगवान श्री स्वामीनारायण के जीवन चरित्र पर हिन्दी में तैयार सबसे बड़ा ग्रंथ हैं। इस ग्रंथ में 29 पूर, 2409 तरंग, 1,02,564 दोहे, सोरठा, चौपाई हैं। इस विराट ग्रंथ की कथा अर्थात् सागरकथा 10 जून को कुंडलधाम में ज्ञानजीवनदास स्वामी ने सागरकथा की शुरुआत की थी। इस ग्रंथ में 1 से 20 पूर तक कथा का लाभ ज्ञानजीवनदास महाराज ने दिया। बाकी 9 पूर की कथा ईश्वरचरणदास महाराज स्वामी ने की। इसका देश-विदेश में प्रसारण हुआ था। सागर कथा से हजारों लोगों की जीवन में संस्कार, सदगुणों का सिंचन हुआ। मौजूदा समय में भी हो रहा है। कुंडलधाम में सागर महोत्सव हुआ,जो 26 अक्टूबर तक चला। 27 अक्टूबर को सागरकथा की ऑडियो कथा का विमोचन किया गया।

Hindi News / Ahmedabad / श्री हरिचरित्रामृत सागर कथा को मिला गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में स्थान

ट्रेंडिंग वीडियो