वे शुक्रवार को गुजरात यूनिवर्सिटी (जीयू) के 73वें दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि पद से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सेलफोन (मोबाइल फोन) हमारे लिए हेलफोन ना बन जाए, इसका ख्याल रखना होगा। आज लोग सेलफोन पर ही बिजी रहते हैं। बच्चों तक को सेलफोन दे देते हैं। बच्चों को इससे दूर रखना चाहिए। जरूरत है कि बच्चे सूर्योदय के साथ उठें, सूर्यास्त तक अपना काम खत्म कर कुछ समय दादा-दादी और माता-पिता के साथ बिताएं। उनसे उन्हें काफी ज्ञान और अनुभव का निचोड़ मिलेगा, जो जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
गुजरात की भूमि को विशिष्ठ भूमि बताते हुए नायडू ने कहा कि इस धरती पर ज्ञान, समझदारी और सहकारिता की धारा बहती है। यही इस राज्य को समग्र भारत में अग्रसर भी रखती है। नायडू ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि उन पर हिंदी थोपी जा रही है, जबकि ऐसा नहीं है। हिंदी तो देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है।
उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि आज एआई और रोबोटिक्स हकीकत बन गए हैं। ऐसे में, हमारे वेद-पुराणों में जो विज्ञान था, वह दुनिया के समक्ष उजागर करने का समय है। समरोह में जीयू की कुलपति डॉ. नीरजा गुप्ता ने स्वागत वक्तव्य दिया। कुलसचिव डॉ.पी.एम.पटेल सहित जीयू के अधिकारी व विद्यार्थी उपस्थित रहे।