महात्मा गांधी के साथ जुड़ाव और उनके द्वारा साबरमती नदी के तट पर स्थापित आश्रम के कारण साबरमती अहमदाबाद का हिस्सा है। यह रेलवे स्टेशन राष्ट्रीय महत्व के इस भवन का निकटतम रेलवे स्टेशन है। इसे देखते हुए भारतीय रेलवे ने इस स्टेशन को एक अत्याधुनिक रेलवे स्टेशन के रूप में पुनर्विकसित करने का निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे आधुनिक सुविधाओं के साथ 200 से अधिक रेलवे स्टेशनों को विश्व स्तरीय टर्मिनलों के रूप में पुनर्विकसित कर रही है, ताकि आम रेल यात्री भी आरामदायक, सुविधाजनक और सुखद रेल यात्रा का अनुभव कर सके।
राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि के रूप में भारतीय रेलवे दांडी मार्च की थीम पर साबरमती स्टेशन को पुनर्विकसित किया जा रहा है। स्टेशन के डिजाइन में गांधी जी के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं जैसे चरखा और ऐतिहासिक दांडी मार्च को शामिल किया गया है। स्टेशन के डिजाइन को ऐसी वास्तुकला के साथ बनाया गया है जिससे पूरे स्टेशन परिसर के सौंदर्य में वृद्धि होगी। भावी स्टेशन के लघु मॉडल को साबरमती स्टेशन पर प्रदर्शित किया गया है ताकि यात्रियों को स्टेशन के आगामी स्वरूप की जानकारी और अनुभव प्राप्त हो सके ।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुरके मुताबिक साबरमती स्टेशन का पुनर्विकास कार्य शुरू हो चुका है जो तेजी से प्रगति पर है। इस पर 334.92 करोड़ रुपये की लागत आएगी जिसे मई 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
अहमदाबाद स्टेशन की भीड़-भाड़ को कम करने के उद्देश्य से रेलवे ने साबरमती रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास कर दिल्ली जाने वाली ट्रेनों के लिए एक वैकल्पिक कोचिंग टर्मिनल बनाने की योजना बनाई है। इस योजना में अलग-अलग आगमन/प्रस्थान, यात्री प्लाजा, स्टेशन परिसर में भीड़-भाड़ मुक्त और सुगम प्रवेश/ निकास, भूमिगत पार्किंग व्यवस्था आदि शामिल हैं।