पकड़े गए आरोपियों में मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले की मेंहगांव तहसील के सिलोली गांव निवासी दीपक जाटव (बंसल) (21), उमेश उर्फ अनुराग जाटव (रेपुरिया) (24), विकास जाटव (जार्ज) (25), उमेश धनोलिया (22), धर्मेन्द्र जाटव (पाठक) (22), और मेहंगांव तहसील के मूस्तरी (इमिलिया) गांव निवासी ऋषिकेश जाटव (चौरसिया) (19) शामिल हैं। इनके विरुद्ध सोला हाईकोर्ट थाने में प्राथमिकी दर्ज करते हुए जांच शुरू की है।
एक ही सीरीज के कई नोट
आरोपियों के पास से बरामद हुए 247 नोट में से एक ही सीरीज के कई नोट हैं। अलग-अलग सात सीरीज के नकली नोट मिले हैं। इसमें दो-अलग-अलग सीरीज के एक जैसे-73-73 नोट मिले हैं, जबकि दूसरी सीरीज के 55, एक अन्य सीरीज के 30, और 7,5 और 4 नोट एक ही सीरीज के मिले हैं।
कलर प्रिंटर-स्कैनर से निकाली फोटो कॉपी
सोला थाने के पुलिस निरीक्षक के एन भुकण ने बताया कि प्राथमिक जांच और पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों ने भिण्ड जिले के सिलोली गांव में ही कलर प्रिंटर व स्कैनर मशीन और अच्छी गुणवत्ता का कागज लाकर उससे असली नोट से रंगीन फोटोकॉपी (झेरोक्स) निकाली। उसकी अच्छे से कटिंग की और फिर उसमें हरे रंग का प्लास्टिक का धागा भी डाला, जिसे भी उन्होंने बाजार से खरीदने की बात कबूली है। इसमें मुख्य आरोपी दीपक और उमेश उर्फ अनुराग हैं।
पहली बार ही आए और पकड़े गए
प्राथमिक जांच और पूछताछ में सामने आया कि पकड़े गए सभी छह आरोपी पहली बार ही अहमदाबाद में नकली नोट को भुनाने आए थे। इसकी सूचना मिलने पर सोला पुलिस थाने की टीम ने इन्हें चाणक्यपुरी सब्जी मंडी से धर दबोचा। ज्यादातर मजदूरी करते हैं। यहां पर रहने वाले इनके गांव के लोगों के पास आकर ठहरे थे।
सब्जी के ठेले वाले व कम पढ़े लोग थे निशाना
जांच में सामने आया कि आरोपी कम पढ़े और सब्जी बेचने वाले व अन्य ठेले वालों को भीड़भाड़ में नकली नोट देकर 100, 50 रुपए का सामान खरीदते हुए उसे भुनाने की फिराक में थे। हालांकि इनके पास से बरामद नोट को थोड़ा सा ध्यान देने पर पहचाना जा सकता है। वैसे इन्होंने इससे पहले कहीं नकली नोट भुनाए हैं या नहीं उसकी जांच जारी है।