अहमदाबाद में 145 वर्ष के इतिहास में पहली बार होगा जब नए तैयार किए गए रथों के माध्यम से यात्रा निकाली जाएगी। अब तक ऐतिहासिक रथों की हर वर्ष मरम्मत होती है, जिससे ये रथ नए जैसे लगते थे। रथों की लकड़ी पुरानी होने के कारण अब नए रथ तैयार किए गए हैं। पिछले छह से सात माह में यह नए रथ बनाने का काम चल रहा है। ये तैयार हो गए हैं। नए रथों को इस तरह तैयार किया गया है कि दूर से भी श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर सकेंगे। रथ के सिंहासन में थोड़ा बदलाव किया गया है। इनमें पुरी के रथों की डिजाइन भी झलकेगी। रूट को ध्यान में रखकर रथों की ऊंचाई बढ़ाई गई है। हर वर्ष की तरह इस बार भी अक्षय तृतीय के उपलक्ष्य में रथों की पूजा की गई। रथों की पूजन विधि में महापौर किरीट परमार, विधायक दिनेश कुशवाहा सहित कई विधायक, मनपा पदाधिकारी, मंदिर के मुख्य न्यासी महेंद्र झा समेत अनेक लोग मौजूद रहे।सालों चलेंगे रथ, रथयात्रा की तैयारी शुरू: संघवी
गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने संवाददाताओं को बताया कि इस साल रथयात्रा के लिए नए रथों को तैयार किया गया है। इन नए रथों में ही भगवान जगन्नाथ भ्रमण पर निकलेंगे। अक्षय तृतीया पर रथों की पूजना के साथ ही रथयात्रा की तैयारियां विधिवत रूप से शुरू हो गई हैं। सरकार, शहर व जिला प्रशासन, मंदिर ट्रस्ट, पुलिस, साधु-संत, नगरजनों के साथ मिलकर रथयात्रा निकाली जाएगी। नए रथ इतने मजबूत हैं कि सालों तक तक चलेंगे। इस साल की रथयात्रा में पुलिस तकनीक का उपयोग करेगी। ताकि रथयात्रा को शांतिपूर्ण तरीके से निकाला जा सके।
कम समय में ही तैयार हो गए रथ राजस्थान, गुजरात समेत विविध जगहों से विशेष कारीगरों ने ये रथ तैयार किए हैं। लगभग सात से आठ माह में रथ तैयार हो गए हैं। मजबूत कही जाने वाली सागवान की लकड़ी का उपयोग रथों में किया गया है जिसे वलसाड व अन्य जगहों से मंगाया गया है।
पुराने रथ बढ़ाएंगे म्यूजियम की शोभा भगवान जगन्नाथ की यात्रा के लिए तैयार किए गए नए रथों के बाद अब पुराने रथों को म्युजियम में रख दिया जाएगा। तीनों ही रथ म्यूजियम की शोभा बढ़ाएंगे। इससे आने वाली पीढ़ी को पता चल सके कि ये रथ एतिहासिक हैं।