गुजरात प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व सांसद सीआर पाटिल ने भी ट्वीट के जरिए दिए बयान में कहा कि ‘जैन धर्म दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में से एक है। इसने हमें अहिंसा की शिक्षा दी है। महुआ मोइत्रा, कृपया इसे अपनी तथाकथित राजनीति में न घसीटें। हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।’
पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि ‘मैं गुजरात के जैन युवाओं के बारे में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की ओर से दिए गए बयान की कड़ी निंदा करता हूं। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि जैन धर्म का मूल आधार अंहिसा है। इस अपमानजनक बयान पर टीएमसी सांसद को माफी मांगनी चाहिए।’
गृहराज्यमंत्री हर्ष संघवी ने सोशल मीडिया के जरिए नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी यह टिप्पणी संसदीय आचरण को खंडित करने वाली है। गैर जिम्मेदाराना है। उन्हें ऐसा वक्तव्य देने से पहले भारतीय संस्कृति विशेषकर जैन समाज के भोजन संस्कारों पर अध्ययन कर लेना चाहिए। मुहआ मोइत्रा की टिप्पणी सीधे तौर पर जैन समाज की भावनाओं, विचारों और मूल्यो को खंडित करने वाली है। सांसद की इस टिप्पणी को लोकसभा के रिकॉर्ड से हटाना चाहिए। सांसद को जैन समाज से इस टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए।
लोकसभा में संबोधन के टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा था कि ‘आप भविष्य के भारत से डरते हैं जो अपनी त्वचा में सहज है, जो परस्पर विरोधी वास्तविकताओं के साथ सहज है। आप उस भारत से डरते हैं जहां एक जैन लडक़ा घर से छिपकर अहमदाबाद की सडक़ पर एक ठेले से काठी कबाब खाता है।’
टीएमसी सांसद के बयान का सोशल मीडिया पर भी जमकर विरोध हो रहा है। जैन समुदाय के कई लोगों ने ट्विटर व फेसबुक पर मांग करते हुए लिखा कि महुआ मोइत्रा अपने आपत्तिजनक बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगे। कई लोगों ने लिखा कि टीएमसी सांसद को जैन समाज क्या है उसके बारे में सही जानकारी प्राप्त करने की जरूरत है।