अहमदाबाद

लिवर में हुए ट्यूमर के मवाद ने फेफड़ों पर भी कस दिया शिकंजा

एक लाख में से किन्हीं दो को होती है ऐसी बीमारी
एल.जी. अस्पताल के डाक्टरों ने मरीज को बचाया

अहमदाबादOct 05, 2022 / 10:43 pm

Omprakash Sharma

लिवर में हुए ट्यूमर के मवाद ने फेफड़ों पर भी कस दिया शिकंजा

अहमदाबाद. महानगरपालिका संचालित एल.जी. अस्पताल के चिकित्सकों ने 50 वर्षीय मरीज को लीवर में हुए ट्यूमर से आखिर बचा लिया। दरअसल यह ट्यूमर दुर्लभ किस्म का था, जो लगभग एक लाख लोगों में किन्हीं दो लोगों को हो सकता है। मरीज को गंभीर स्थिति से तब गुजरना पड़ा जब ट्यूमर फट गया और उसकी मवाद फेफड़ों तक जा पहुंची थी।
इस मरीज को पिछले कुछ दिनों से तेज बुखार और खांसी होने के कारण एल.जी. अस्पताल में लाया गया था। गंभीर स्थिति के चलते मरीज को भर्ती करने के बाद उसकी रक्त की जांच, सीने का एक्सरे और पेट की सोनोग्राफी की गई। रिपोर्ट में मरीज के लिवर में एक ट्यूमर की पुष्टि हुई थी। यह ट्यूमर फूटने के कारण मवाद बाईं ओर फेफड़े तक चला गया। इसके कारण दाहिना फेफड़ा भी प्रभावित हो रहा था। मरीज को इस गंभीर समस्या से निजात दिलाने के लिए अस्पताल के सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. असित पटेल के नेतृत्व में डॉ. तपन शाह, डॉ. मुकेश सुवेरा, डॉ. जैमिन शाह, डॉ. याज्ञनिक कटारा और डॉ. दिव्यता वसा की टीम ने रेडियोलॉजी विभाग की मदद से पिगटेल (ट्यूब) व सीने से आईसीडी (नली) का उपयोग किया गया। इनके माध्यम से लिवर से लगभग 1500 मिलीलीटर और सीने से 2000 मिलीलीटर मवाद निकाला गया। मरीज के रक्त में मवाद (सेप्सिस) जैसी घातक समस्या से बचा जा सका। ऐसी स्थिति में से बच पाना मुश्किल होता है। ट्यूब के माध्यम से जहां लिवर से पूरी तरह मवाद निकल गया वहीं फेफड़े और आसपास की जगह भी साफ हो गई।
दूषित पानी, मांसाहार व शराब का सेवन देती हैं ऐसी बीमारी को न्यौता
50 वर्षीय इस मरीज में जिस तरह की समस्या पाई गई है वह काफी दुर्लभ थी। लगभग एक लाख लोगों 2-15 लोगों में लिवर में फोड़ा हो सकता है। ऐसे मरीजों के जीवित रहने की संभावना बहुत कम होती है। दूषित जल, मांसाहारी भोजन, शराब जैसे व्यसन से लिवर में मवाद की संभावना बढ़ जाती है।
डॉ. तपन शाह, सर्जरी विभाग एल.जी. अस्पताल

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