उन्होंने कहा कि मेडटेक क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और 2030 तक इसके 30 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता आईडी, टेलीमेडिसिन और एआई एकीकरण जैसे डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के विस्तार के साथ हम बेहतर स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा दे रहे हैं। सभी के लिए चिकित्सा उपायों में आत्मनिर्भरता और सामर्थ्य की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
छात्रों के साथ बातचीत की
केंद्रीय मंत्री ने उद्योग और शिक्षा जगत से अपने शोध के साथ नीतिगत हस्तक्षेप में योगदान देने का आह्वान करते हुए कहा कि उद्योग और शिक्षा जगत के शोध कार्य को नीति में लागू किया जाना चाहिए। हम नीति निर्माता के रूप में इसे करने के लिए तैयार हैं। आप हमें नीतिगत हस्तक्षेप, नवाचारों, संयुक्त सहयोग के लिए रोडमैप सुझाएं और हम उस मार्ग को बनाने के लिए हर तरह से आपका समर्थन करेंगे। उन्होंने संस्थान के छात्रों के साथ बातचीत की और उन्हें बड़ा सोचने और अरबों लोगों के लिए भविष्य की स्वास्थ्य सेवा बनाने की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो. भारत भास्कर और आईआईएम बोर्ड के पंकज पटेल ने संबोधन दिया।