पहली योजना सार्वजनिक जागरूकता सार्वजनिक जागरूकता के चार योजनाओं में से पहली योजना सार्वजनिक जागरूकता की थी। कोरोना के बारे में लोगों को समझने के लिए सार्वजनिक घोषणा के सभी उपकरणों के साथ लाउड स्पीकर, फोन कॉल, संदेश पोर्टल, सोशल नेटवर्क, पोस्टर और रिक्शा के माध्यम से निरंतर और नियमित घोषणाओं के माध्यम से जागरूकता पैदा की गई। लोगों को इस बात की जानकारी दी गई कि कोरोना वायरस से बचने के लिए क्या सावचेतियां और सावधानियां बरती जाए।
स्वच्छता को व्यवहार में लाने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर लिक्विड सोप (तरल साबुन) रखे गए। गांव की सभी सड़कों को ट्रैक्टर के साथ मशीन से साफ किया गया। गांव के तीन से अधिक लोगों को एक जगह इक_ा नहीं होना चाहिए। आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर सभी दुकानों को बंद करने के नियम बनाए गए और सख्ती से लागू किए गए।
समिति के माध्यम से लोगों के बीच सरकार के दिशा-निर्देशों को लागू करवाया। फेस मास्क बनाना, गमछा या मास्क लगाना, गांव के दोनों तरफ स्वयंसेवक (वालंटियर्स) रखना और विक्रेता के पहचान पत्र जमा करने के बाद ही गांव में प्रवेश करने वाले सब्जी और दूध विक्रताओं के लिए स्थान तय किए गए। तीन स्वयंसेवक सुबह 7 से 9 बजे तक दूध और 9 से 11 बजे तक सब्जी की बिक्री करवाने के लिए तैनात रहते हैं।
दूसरी योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को लागू करना दूसरी योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को लागू करना है। जिसमें समिति के 11 सदस्यों ने एनएमआर व आशा वर्कर के साथ घर-घर कोरोना के बारे में सर्वेक्षण करवाया। निशुल्क राशन वितरण में वार्ड के अनुसार एन.एफ.एस.ए. में शामिल परिवारों में से, 15 परिवारों को 20 मिनट में सामाजिक दूरी के साथ राशन आवंटित करवाया। कुल 316 परिवारों को सस्ते अनाज की दुकानों से दो बार मुफ्त राशन दिलवाया।
तीसरी योजना आवश्यकताएं पूरी करने की तीसरी योजना के तहत गांव में रहने वाले दिव्यांग, निराश्रित, विधवाओं को व्यक्तिगत और सामाजिक जिम्मेदारी के तहत राशन, दवा या जीवन की अन्य आवश्यकताएं पूरी करने वाली वस्तुएं उपलब्ध कराने के लिए ग्राम पंचातय की ओर से सावधानीपूर्वक जिम्मेदारी ली गई है। अन्य राज्यों के व असहाय लोगों को भोजन कराने की जिम्मेदारी 15 स्वयंसेवकों ने ली है।
बैंक की मदद से बैंक के सदस्यों की ओर से गांव में स्थानीय स्तर पर 189 परिवारों के लिए धनराशि निकालने की व्यवस्था की गई है। समिति के सदस्यों ने मध्याह्न भोजन के तहत केवल दो दिनों में 144 लड़कियों और 134 लड़कों को टोकन वितरित करवाए। गांव के दानदाताओं की मदद से 87 परिवारों को एक महीने का राशन दिलवाया।
गांव के किसानों ने भी अपनी राष्ट्रीय भावना दिखाते हुए जरूरतमंदों को मुफ्त सब्जियां दीं। लॉक डाउन में एपीओ स्तर पर स्थानीय प्रशासन से संपर्क और समन्वय कर 7 वनीकरण प्लॉट में मनरेगा योजना के तहत 106 श्रमिकों को मनरेगा योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराया। लॉकडाउन के दौरान 3 परिवारों को होम क्वारंटाइन किया गया, ग्राम आरोग्य संजीवनी समिति की ओर से प्रशासन के निर्देशन में इनकी नियमित तौर पर निगरानी की गई।
चौथी योजना भविष्य की चौथी योजना, भविष्य की योजना है। इसके तहत जिला प्रशासन की मार्गदर्शिका के अधीन शाखा और स्वास्थ्य केन्द्र में व्यवस्था की जाएगी, ताकि ग्रामीणों को कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान किसी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े। लॉक डाउन में हल्की छूट देने पर भी पंचायत लोगों को सतर्क रखने और लोगों को आवश्यकताओं की सभी वस्तुएं सरलता से उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाएगी।