इससे पहले सोला स्थित उनके निवास स्थान पर जस्टिस प्रसाद के पार्थिव देह को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर राज्य के विधि व कानून मंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा, गुजरात उच्च न्यायालय के कई जज, कई वकील, न्याय जगत के कई दिग्गज उपस्थित थे। झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और राजस्थान तथा गुजरात उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश प्रसाद का रविवार को अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था। 68 वर्षीय प्रसाद को शनिवार को निम्न रक्तचाप की जटिलताओं को लेकर यहां एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया था। उन्हें राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष पद पर गत वर्ष 4 अगस्त को इस नियुक्त किया गया था।
राजस्थान के हनुमानगढ़ के मूल निवासी प्रसाद ने जोधपुर विश्वविद्यालय से कानून में मास्टर डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वर्ष 1972 में राजस्थान उच्च न्यायालय में वकील के रूप में प्रैक्टिस शुरू की थी। वे राजस्थान हाई कोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके थे। वे बार काउंसिल ऑफ इंडिया के भी सदस्य रह चुके थे।
वर्ष 1996 में उन्हें राजस्थान उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। उसके बाद 7 फरवरी 2008 को उनका तबादला गुजरात उच्च न्यायालय कर दिया गया था। 22 अगस्त 2010 को उन्हें झारखंड उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और राज्यपाल ओपी कोहली ने उनके निधन पर शोक जताया है।इस अवसर पर राज्य मानव अधिकार के आयोग के एक सदस्य ने कहा कि न्यायाधीश प्रसाद के निधन से देश के न्याय जगत और मानव अधिकार जगत को बहुत क्षति पहुंची है।
22 अगस्त 2010 को उन्हें झारखंड उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और राज्यपाल ओपी कोहली ने उनके निधन पर शोक जताया है।इस अवसर पर राज्य मानव अधिकार के आयोग के एक सदस्य ने कहा कि न्यायाधीश प्रसाद के निधन से देश के न्याय जगत और मानव अधिकार जगत को बहुत क्षति पहुंची है।