गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव निखिल भट्ट की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि कोरोना की वर्तमान स्थिति का असरकारक अमलीकरण के लिए सभी पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को स्वास्थ्य कारणों की अनिवार्य परिस्थिति के सिवाय कोई भी अवकाश मंजूर नहीं किया जाए। यह निर्देश डीजीपी के साथ-साथ मुख्य पुलिस अधिकारी (पुलिस अधीक्षक) के कार्यालय व पुलिस विभाग के सभी क्षेत्रीय कार्यालय (रेंज पुलिस महानिरीक्षक) को दिए गए हैं।
अधिसूचना के मुताबिक राज्य में कोरोना के असर को नियंंत्रित करने के उद्देश्य और केन्द्रीय गृह मंत्रालय की गत 30 मई को जारी दिशानिर्देश के तहत ऐसा किया गया है। कोरोना की परिस्थिति को देखते हुए प्रशासनिक हित में पुलिस विभाग के सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को सक्रिय रूप से जुड़़े रहना है। फिलहाल गुजरात में गत एक जून से अनलॉक-1 जारी है।
गुजरात में कोरोना योद्धा के रूप में चार पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है वहीं कुछ संक्रमित हैं। राज्य सरकार कोरोना से लड़ाई के दौरान पुलिसकर्मी की मौत से 25 लाख रुपए की मदद की घोषणा कर चुकी है।
राज्य में करीब एक लाख पुलिसकर्मी हैं। इनमें से करीब 80 से 90 फीसदी पुलिसकर्मी लॉकडाउन के अमलीकरण में लगे हुए थे।
राज्य में अब तक कोरोना से 29 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज हैं वहीं अब तक १७३६ मौतें हो चुकी हैं। देश भर में गुजरात कोरोना संक्रमण के मामले में चौथे नंबर पर है वहीं मौतों के मामले में तीसरेै स्थान पर है।