उन्होंने कहा कि गुजरात ने पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षा के लिए सौर एवं पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों तथा इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग पर विशेष जोर दिया है। नए थर्मल पावर प्लांट शुरू करने की मंजूरी नहीं दी। नौ हजार मेगावाट पवन ऊर्जा और पांच हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न की। गुजरात आगामी दिनों में 30 गीगावाट सौर एवं पवन ऊर्जा का उत्पादन कर इस क्षेत्र में भी अगुवा बनेगा। प्रदूषण को रोकने के लिए 9 हजार सीएनजी फिलिंग स्टेशन की स्थापना। इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग के लिए भी नीति बनाई है।
क्लाइमेट चेंज और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में गुजरात ने नई पहल करते हुए जल संरक्षण, जल का पुर्नचक्रण (रिसाइक्लिंग ऑफ वाटर), और उपचारित जल के पुन: उपयोग (रीयूज ऑफ ट्रीटेड वाटर) के जरिए जल शुद्धि के नए आयाम अपनाए हैं। सोलर रूफटॉप पॉलिसी, बैटरी संचालित वाहन, ऊर्जा ऑडिट और क्लाइमेट चेंज को लेकर जनजागरूकता के आयाम गुजरात ने अपनाएं हैं।
देश के कुल सोलर रूफटॉप में से 25 फीसदी अकेले गुजरात में हैं, जिसमें 1.11 लाख घरों का समावेश होता है। यही नहीं, गुजरात ने ऊर्जा क्षेत्र में सौर और पवन ऊर्जा के स्रोतों को अपनाकर 17 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन में कमी की है। 12.3 मिलियन टन कोयले की बचत की है।