जीटीयू में आगामी वर्ष 2022 के प्रथम सप्ताह से ही बेसिक ड्रोन फ्लाइंग सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने की तैयारी की जा रही है। रोचक बात यह है कि जीटीयू के निरंतन अध्ययन केन्द्र (सीईसी) की ओर से यह कोर्स जीटीयू के ही स्टार्टअप ड्रोन लैब के साथ मिलकर शुरू किया जा रहा है। ड्रोन लैब जीटीयू के तहत कार्यरत गुजरात इनोवेशन काउंसिल (जीआईसी) का ही एक स्टार्टअप है। जिसे निखिल मेठिया ने शुरू किया है। मेठिया एबीवीपी के महामंत्री भी रहे हैं।
ड्रोन लैब के संस्थापक व सीईओ निखिल मेठिया बताते हैं कि जीटीयू के साथ मिलकर वे बेसिक ड्रोन फ्लाइंग कोर्स शुरू करने जा रहे हैं। जिसके जनवरी 2022 के प्रथम सप्ताह में शुरू होने के आसार हैं। यह 40 घंटे का कोर्स होगा। इसमें 12वीं उत्तीर्ण कोई भी युवा शामिल हो सकेगा। शुरूआत में एक बैच में 30 विद्यार्थियों को लिया जाएगा। इसमें प्रवेश पाने वाले को शत प्रतिशत प्लेसमेंट दिलाने की भी योजना है।
मेठिया ने दावा किया कि इस कोर्स को करने के बाद विद्यार्थी को शुरूआत में ही 35 से 50 हजार रुपए तक के वेतन पर नौकरी मिल सकती है। प्रशिक्षण पाने वाला व्यक्ति चाहे तो खुद का काम भी शुरू कर सकता है।
ड्रोन के जरिए फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, खेतों में फसलों में दवाई का छिडक़ाव, उद्यमों, यूनिवर्सिटी व अन्य जगहों पर ड्रोन के जरिए सर्वेलेंस, सुरक्षा एजेंसियों की ओर से सर्वेलेंस, कंस्ट्रक्शन साइट पर जमीन के सर्वे, मैपिंग में ड्रोन का उपयोग खूब हो रहा है। इसमें काफी मांग है।
जीटीयू सूत्रों का कहना है कि ड्रोन फ्लाइंग में रोजगार की अपार संभावनाओं को देखते हुए जीटीयू इससे जुड़ा एडवांस कोर्स भी शुरू करने की तैयारी में है। इसके लिए नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए ) की मंजूरी लेने की प्रक्रिया जारी है। मंजूरी मिलते ही एडवांस कोर्स भी शुरू किया जाएगा। एडवांस कोर्स करने पर विद्यार्थी को डीजीसीए मान्य ड्रोन पायलट का प्रमाण-पत्र मिलेगा।
मेठिया बताते हैं कि बेसिक ड्रोन फ्लाइंग कोर्स के पहले बैच में 10 दिव्यांगों को मुफ्त में प्रशिक्षण देने की योजना है। इसके अलावा हर बैच में मेधावी विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप देने की भी योजना है।
खेतों में दवाई का छिडक़ाव करने से लेकर विवाह समारोह, रैलियों में ड्रोन का उपयोग बढ़ा है। कई कंपनियां, सुरक्षा एजेंसियां भी ड्रोन का उपयोग कर रही हैं। इसे देखते हुए जीटीयू ड्रोन फ्लाइंग का बेसिक कोर्स शुरू करने जा रही है। इसे मंजूरी दे दी गई है। इसे जीटीयू के ही स्टार्टअप ड्रोन लैब के साथ मिलकर शुरू किया जा रहा है। विवि इससे जुड़ा एडवांस कोर्स भी शुरू करेगी।
– डॉ. नवीन शेठ, कुलपति, जीटीयू