सिविल अस्पताल के 1200 बेड हॉस्पिटल में अब तक एक लाख से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हो चुके हैं। 20 माह से कोरोना के अतिसंवेदनशील और वायरस के संक्रमण की अधिकतम संभावना वाले विस्तार में अधिक से अधिक समय बिताने वाले डॉ. जोशी एवं डॉ. पटेल को कोरोना का संक्रमण नहीं होने का बड़ा हथियार है मास्क लगाना और कोरोना गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करना। कोविड वार्ड में जाते समय पीपीई किट का सतत उपयोग, अन्य जगहों पर जाते समय ये चिकित्सक मास्क में ही नजर आते थे। यही कारण है कि वे खुद को इस संक्रमण से बचा सके। जबकि कोरोना वार्ड में नियमित आना जाना लगा रहता था, जहां मरीजों व चिकित्सा कर्मियों से संवाद करना और समस्याओं का निराकरण करने का प्रयास किया जाता। कोरोना का संक्रमण नहीं लगने की वजह वे सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क एवं सेनेटाइजर (एसएमएस) के नियमों का पालन करना बताते हैं। साथ ही वैक्सीन को भी अहम मानते हैं जिसकी वजह से कोरोना का संक्रमण लगने की संभावना कम होती है और संक्रमण लगता भी है तो खतरनाक स्थिति नहीं होती है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल भी मास्क लगाने और कोविड गाइडलाइन का पालन करने के अलावा वैक्सीन के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।
पहले दिन ही ले लिया था कोरोना का टीका गत वर्ष 16 जनवरी को जब कोरोना टीकाकरण के पहले दिन ही इन दोनों चिकित्सकों ने वैक्सीन ले ली थी। इतना ही नहीं प्रिकॉशन डोज में भी ये पीछे नहीं रहे। अभियान के पहले दिन ही इन्होंने यह डोज भी ले लिया। वैक्सीन लेने वाला न सिर्फ खुद सुरक्षित होता है बल्कि उसके आसपास रहने वाले भी सुरक्षित रहते हैं।