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अहमदाबाद

143 th Rathyatra नहीं निकलने पर भावुक हो गए श्रद्धालु

नगर भ्रमण के दौरान लाखों श्रद्धालु लेते रहे दर्शन का लाभ

अहमदाबादJun 23, 2020 / 10:30 pm

Omprakash Sharma

143 th Rathyatra  नहीं निकलने पर भावुक हो गए श्रद्धालु

143 th Rathyatra नहीं निकलने पर भावुक हो गए श्रद्धालु

अमहदाबाद. शहर में हर वर्ष भगवान जगन्नाथ के नगर भ्रमण पर निकलते समय लाखों लोग दर्शन का लाभ लेते रहे हैं, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते 22 किलोमीटर लंबी रथयात्रा नहीं निकाली जा सकी। इससे अनेक श्रद्धालु निराश और भावुक हुए हैं। फिर भी जमालपुर स्थित मंदिर में दर्शन के लिए काफी संख्या में लोग पहुंचे थे। उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के तहत दर्शन लाभ का मौका भी दिया गया।
अहमदाबाद शहर में देश की दूसरी सबसे बड़ी रथयात्रा निकाली जाती है। जिसमें हर वर्ष लाखों लोग दर्शन का लाभ लेते हैं। भारी भीड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ननिहाल (सरसपुर) में ही लगभग डेढ़ से दो लाख लोग एकत्र हो जाते हैं। जिन्हें भोजन के रूप में प्रसाद की भी व्यवस्था की जाती है। शहर में रथयात्रा का इतिहास 142 वर्ष पुराना है। तब से लेकर अब तक रथयात्रा हर वर्ष निकलती रही है। लेकिन कोरोना वायरस के कारण इस बार रथयात्रा की परंपरा टूटने से लोग निराश भी देखे गए हैं। संजयभाई नामक एक श्रद्धालु का कहना है कि शहर में 142 वर्षों के दौरान कभी ऐसा नहीं हुआ कि रथयात्रा नहीं निकाली गई है। लेकिन इस बार कोरोना के कारण यह परंपरा में रुकावट आ गई है, जिसका दुख है। रथयात्रा नहीं निकलने से मंदिर के महंत दिलीपदास महाराज भी भावुक दिखाई दिए।
हर वर्ष निकलती है दो वर्ष लंबी रथयात्रा
हर वर्ष रथयात्रा का काफिला लगभग दो किलोमीटर से भी अधिक होता है। जिसमें 18 हाथी, विविध झांकियों से सुसज्जित 100 से भी अधिक ट्रक, भजन मंडली, अखाड़े और श्रद्धालु। इस दौरान पूरा शहर मानो रथयात्रा में जुड़ सा जाता है। कई किलोमीटर पैदल चलकर लोग भगवान के दर्शन को आते थे। इस बार रथयात्रा नहीं निकाली गई, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से रथयात्रा रूट पर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी तैनात रहे।
रस्मे सभी निभाई लेकिन भ्रमण पर नहीं निकले भगवान
रथयात्रा की जो भी रस्में हर वर्ष निभाई जाती हैं वे सभी मंगलवार को निभाई गईं। नगरभ्रमण ेक तौर पर भगवान जगन्नाथ , बहन सुभद्रा और भाई बलराम के रथों को जमालपुर स्थित मंदिर परिसर में घुमाया भी गया। इसके बाद दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे, जहां सुरक्षा की दृष्टि से चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात रही।
ननिहालवासी भी दिखे निराश
22 किलोमीटर लंबी यात्रा सरसपुर स्थित भगवान रणछोडऱाय मंदिर से लौटती है। सरसपुर को ननिहाल के रूप में जाना जाता है। रथयात्रा के दिन इस क्षेत्र में विशेष चहल पहल रहती है। यहां की सभी शेरी, पोलों में भारी संख्या में लोग प्रसाद के रूप में भोजन ग्रहण करते रहे हैं लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं दिखा। रथयात्रा नहीं निकलने के कारण ननिहालवासी भी निराश दिखे। हालांकि सरसपुर स्थित रणछोडऱाय मंदिर में दर्शन के लिए लोगों का आना जाना जारी रहा। बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहा।

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