नए सीपी कार्यालय में बातचीत में शहर पुलिस आयुक्त जी एस मलिक ने बताया कि गत वर्ष जनवरी से 30 सितंबर 2023 के दौरान शहर में हत्या की 86 वारदातें हुई थीं। इस वर्ष जनवरी से सितंबर 2024 के दौरान हत्या के 61 मामले दर्ज हुए हैं। ऐसे में बीते साल की तुलना में 29 फीसदी की गिरावट आई है। संख्या के लिहाज से 25 हत्याएं कम हुई हैं। हत्या की कोशिश के मामलों में भी 8.97 फीसदी की कमी देखी गई है। गत वर्ष जनवरी से सितंबर 2023 तक हत्या की कोशिश के 78 मामले दर्ज हुए थे, इस वर्ष जनवरी से सितंबर 2024 तक 71 मामले दर्ज हुए हैं। लूट की बात करें तो इसमें 25.22 फीसदी की गिरावट देखी गई है। गत वर्ष 2023 में जनवरी से सितंबर तक लूट के 115 मामले दर्ज हुए थे। इस साल 2024 में सितंबर महीने तक लूट की 86 वारदातें दर्ज हुई हैं। इसमें 25.22 फीसदी की गिरावट देखी गई है।
डकैती की वारदातें जरूर गत वर्ष की तुलना में इस साल दो ज्यादा हुई हैं, लेकिन सभी को सुलझा लिया गया है। गत वर्ष सितंबर तक डकैती की 8 वारदातें हुई थीं। इस साल 10 दर्ज हुई हैं।सभी प्रकार की चोरियों की बात करें तो 2023 में सितंबर महीने तक 3981 मामले दर्ज हुए थे। 2024 में सितंबर तक 2811 मामले दर्ज हुए हैं। इसमें 1170 की गिरावट हुई है, जो प्रतिशत के लिहाज से 29.39 प्रतिशत है। पार्ट 1 से लेकर पांच तक के मामले भी गत वर्ष से कम हुए हैं। गत वरर्ष 2023 में ऐसे 9575 मामले दर्ज हुए थे। 2024 में सितंबर महीने तक ऐसे 7497 मामले दर्ज हुए हैं। इसमें 2078 की कमी देखी गई है, जो प्रतिशत में 21.7 प्रतिशत है।
गश्त बढ़ाने, ट्रांसफर से 60 फीसदी नया स्टाफ
मलिक ने बताया कि अपराध में गिरावट के कारणों की बात करें तो शहर में गश्त को सिस्टम आधारित बनाया है। टीमें थानों में एंट्री करके गश्त पर निकलती हैं और आकर भी एंट्री करती हैं। पीआई, एसीपी से लेकर डीसीपी तक गश्त कर रहे हैँ। लंबे समय से एक ही थानों और ब्रांचों में कार्यरत कर्मचारियों के बड़े पैमाने पर तबादले किए हैं, जिससे हर थाने में लगभग 60 फीसदी नया स्टाफ हो गया है। इसका भी फायदा है। सीसीटीवी की संख्या बढ़ाने और मॉनीटरिंग से अपराध सुलझाने में भी मदद मिल रही है।
साइबर अपराध बढ़ा, दे रहे हैं ध्यान
मलिक ने कहा कि बीते साल 2023 के नौ महीनों की तुलना में 2024 में साइबर अपराध में 16.20 फीसदी की वृद्धि देखी गई है। जनवरी से सितंबर 2023 में साइबर क्राइम के 179 मामले दर्ज हुए थे। इस साल 208 मामले दर्ज हुए हैं। यह चुनौती है। इस पर भी टीमें ध्यान दे रही हैं।