क्राइम ब्रांच के उपायुक्त अजीत राज्यान ने बताया कि इस मामले को लेकर क्राइम ब्रांच की टीम ने ख्याति अस्पताल व उससे जुड़ी कुछ जगहों पर दबिश दी है। मामले में छह टीमें गठित की हैं। इन टीमों ने वांछित चारों ही आरोपियों के घर पर, ख्याति अस्पताल और गिरफ्तार आरोपी डॉ.प्रशांत वजीराणी के घर पर दबिश दी। वहां जांच करने पर कई अहम दस्तावेज, फाइल , रजिस्टर , पेन ड्राइव व अन्य इलेक्ट्रोनिक सबूत मिले हैं, जिन्हें जब्त किया गया है।
एफआईआर में आए नामों के अलावा और कौन लिप्त उसकी जांच
क्राइम ब्रांच के जेसीपी शरद सिंघल ने बताया कि इस मामले में एफआईआर में जिनके नाम सामने आए हैं, उसके अलावा भी और कौन-कौन लिप्त हैं, उसकी भी जांच की जा रही है। यह मामला चिकित्सा से जुड़ा है, ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर जांच जारी है। ज्ञात हो कि 11 नवंबर को महेसाणा जिले की कडी तहसील के बोरीसणा गांव निवासी 19 लोग लोगों की ख्याति मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में पहले एंजियोग्राफी और फिर उसी दिन उसमें से 7 लोगों की एंजियोप्लास्टी कर दी गई। इसके बाद दो मरीज नागर सेनमा (72) और महेश बारोट (52) की मौत हो गई। अस्पताल की ओर से 10 नवंबर को बोरीसणा गांव में मेडिकल कैंप लगाया गया था, जिसमें जांच कराने आने वाले लोगों को आगे की जांच के बहाने से गांव में बस भेजकर अस्पताल लाया गया था। इस संबंध में वस्त्रापुर थाने में तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं।
वस्त्रापुर थाने का पीएसओ सस्पेंड, एसीपी को सौंपी जांच
उधर ख्याति मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में 19 लोगों की एंजियोग्राफी और 7 की एंजियोप्लास्टी करने वाले चिकित्सक डॉ.प्रशांत वजीराणी को गिरफ्तार करने के बाद वस्त्रापुर थाने में रखा गया है। आरोप है कि आरोपी चिकित्सक को लॉकअप में कथित रूप से वीआईपी लोगों जैसी सुविधा देने के चलते पीएसओ हेड कांस्टेबल लालसंग सागरदान को जोन-1 उपायुक्त हिमांशु वर्मा ने निलंबित कर दिया है। उपायुक्त वर्मा ने बताया कि पीएसओ को निलंबित कर दिया है। इस मामले की जांच भी इलाके के एसीपी को सौंपी है।