इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए महिलाएं सफेद साड़ी के ऊपर अंगवस्त्रम के रूप में तिरंगे की पट्टी धारण करेंगी। यहां रावणहथ्था (प्राचीन वाद्य) के 75 कलाकारों की ओर से प्रधानमंत्री का स्वागत किया जाएगा। प्रधानमंत्री उपस्थित खादी कारीगरों के साथ वार्तालाप भी करेंगे और उनके साथ बैठकर चरखा चलाएंगे।
आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में विशेषकर सुरेन्द्रनगर, अमरेली और राजकोट जिले की महिलाएं चरखे पर सूत कातेंंगी।
कुटीर उद्योग व सहकारिता राज्यमत्री जगदीश विश्वकर्मा ने उत्सव की तैयारियों की समीक्षा करने के बाद कहा कि देश की नई पीढ़ी को जागरूक करने और खादी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए पीएम मोदी के मंत्र ‘खादी फॉर फैशन, खादी फॉर नेशन, खादी फॉर ट्रांसफॉर्मेशन’ को साकार करने के लिए शनिवार को खादी उत्सव का आयोजन किया जाएगा।
चरखा विकास प्रदर्शनी भी इस कार्यक्रम में 1920 के दशक से अब तक इस्तेमाल में लाए गए विभिन्न पीढिय़ों के 22 चरखों वाली ‘चरखा विकास’ प्रदर्शनी भी होगी। चरखा विकास में ‘यरवदा चरखा’ के साथ-साथ अन्य चरखे भी शामिल होंगे, जिसमें भारत के स्वाधीनता संग्राम आंदोलन से लेकर मौजूदा समय में इस्तेमाल किए जाने वाले नवीनतम तकनीक वाले चरखे यहां प्रदर्शित किए जाएंगे।
देश में 8 वर्षों में खादी की बिक्री में 245 फीसदी की वृद्धि देश में खादी के उत्पादन में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अनुसार खादी के उत्पादन में 172 फीसदी की वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 से खादी की बिक्री में 245 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।