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चौधरी उदयभान सिंह: 1964 से आरएसएस के स्वयंसेवक चौधरी उदयभान सिंह का विवाह 22 फरवरी 1966 को चाहरवाटी के ग्राम बघा के प्रतिष्ठित परिवार में सूरजमल एवं सोमोती देवी की ज्येष्ठ पुत्री शान्ती देवी के साथ हुआ। परिवार से अनुशासित एवं सिद्धान्तों पर युवा चौधरी उदयभान सिंह अपने गुरु थान सिंह सोलंकी एवं रसिक बिहारी लाल गुप्त की प्रेरणा से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े। सन् 1964 में औपचारिक रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रथम शिक्षा वर्ग का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद संघ से स्थायी रूप से जुड़ गए।Big News: मुलायम सिंह के गढ़ में भाजपा का खाता खोलने वाले विधायक को मिला तोहफा, बनाए गए मंत्री
शिक्षक नेता के रूप में शिक्षकों की असहाय अवस्थ, सेवाशर्तों का अनुपालन तथा शिक्षकों की दुर्दशा को देख वे अपने आपको रोक नहीं सके और माध्यमिक शिक्षक संघ के आन्दोलन में कूद पड़े। उनके ज्ञान एवं नेतृत्व की क्षमता के चलते शिक्षक संघ के प्रदेश स्तर के विभिन्न दायित्वों पर रहे। 26 वर्षों तक शिक्षकों के लिए संघर्ष किया। सम्मानजनक स्थिति तक पहुंचाने में सफल रहे। आज भी माध्यमिक शिक्षक संघ के संरक्षक के रूप में प्रतिक्षण शिक्षकों को दिशा देने में अपना गौरव मानते हैं।
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जीएस धर्मेंश: 1994 में भाजपा में प्रवेश कियाडॉ. जीएस धर्मेश ने एसएन मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया है। आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अपना क्लीनिक का संचालन करते हैं। डॉक्टर धर्मेश के परिवार में तीन बेटे और एक बेटी है। उनका एक बेटा चिकित्सक है। विधायक डॉक्टर जीएस धर्मेश में सन 1994 में भाजपा में प्रवेश किया। इससे पहले वे कांग्रेस के कार्यकर्ता थे। 1989 में वे कांग्रेस की टिकट पर नगर निगम के सभासद चुने गए थे।
डॉ. जीएस धर्मेश 2012 में विधानसभा चुनाव में करीब 5400 वोटों से हार गए थे। उन्होंने छानबीन की तो पाया कि आगरा छावनी विधानसभा में फर्जी वोटर बहुत हैं। राजस्थान के लोगों को नाम मतदाता सूची में शामिल है। उन्होंने हजारों फर्जी मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से कटवाए। 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें फिर से टिकट दिया। इस बार उन्होंने 45,000 मतों से शानदार जीत दर्ज की।