बार काउंसिल उत्तर प्रदेश की नवनिर्वाचित अध्यक्ष कुमारी दरवेश यादव की 12 जून को आगरा की दीवानी परिसर में स्वागत समारोह के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता के चैम्बर में की गई हत्या की उच्चस्तरीय जांच की जाए। घटना की जांच के वर्तमान जस्टिस की देखरेख में कराई जाए। एफआईआर में नामित तथा गैर नामित अभियुक्तों को गिरफ्तारी की जाए। घटना की जांच आगरा जनपद से हटाकर एटा के किसी राजपत्रित अधिकारी से करवाई जाए। कुमारी दरवेश यादव के परिवार को राज्य सरकार की ओर से 50 लाख का मुआवजा दिया जाए। उनके परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए। बैठक में अधिकांश वक्ताओं द्वारा घटना की कड़ी निंदा करते हुए किसी बड़े षड्यंत्र की साजिश बताया। बबलू यादव हत्याकांड में अभी तक 6 महीने बाद भी गिरफ्तारी एवं पर्दाफाश नहीं हुआ है। इसकी कड़ी निंदा की गई।
बैठक में प्रदेश के बीजेपी के मूल्यों में हुई भारी वृद्धि पर असंतोष व्यक्त किया गया। सरकार से डीएपी के मूल्य पुरानी दरों पर करने की मांग की गई। यूरिया के बैग को पुनः 50 किलो का किए जाने की मांग की गई। किसान क्रेडिट कार्ड पर कृषि हेतु दिए गए ऋण पर 1 साल तक 5% ब्याज दिए जाने तथा 1 साल से अधिक होने पर भुगतान न किए जाने पर 12% किए जाने की कड़ी निंदा की गई। सरकार से क्रेडिट कार्ड पर 3 साल तक 5% ब्याज लिए जाने की मांग की गई।
वक्ताओं ने प्रदेश में हाल में की गई बिजली दरों में भारी वृद्धि पर आक्रोश व्यक्त किया गया। राज्य सरकार से मांग की गई कि अन्य राज्य सरकारों की तरह किसानों एवं गरीबों को बिजली पर सब्सिडी दी जाए। वाराणसी में नदी ग्राम बसाया जाए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में को विकसित करने के नाम पर डेयरियों को शहर से बाहर कर दिय गया। दूध विक्रेताओं के परिसरों को तोड़ा। सौ से अधिक गायों की भूख के कारण मृत्यु हो गई। दूध विक्रेता स्वामियों को मुआवजा दिया जाए। दूध बेचने वालों को शहर से बाहर नंदी ग्राम बसाया जाए, जहां चारागाह, दुग्ध बिक्री केंद्र, बिजली पानी आदि सुविधाओं हों।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से पधारे किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि गौशाला के नाम पर सरकार द्वारा अपने चहेतों को करोड़ों रुपए की धनराशि दी गई है। प्रदेश भर के किसानों की करोड़ों रुपए की फसल को सांडों द्वारा नष्ट किए जाने पर अपना रोष व्यक्त किया।
कुशलता के नाम पर 50 साल से अधिक उम्र के अधिकारियों को जबरन रिटायर किए जाने पर चिंता व्यक्त की गई। जाति विशेष के लोगों पर किए जा रहे अत्याचारों को तत्काल रोकने की मांग की गई। लालू यादव को रिहा किया जाए। एक अन्य प्रस्ताव में राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को सीबीआई के माध्यम से जबरदस्ती फंसाने तथा इसी आरोप में बिहार के मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को जमानत दिए जाने पर न्याय का दोहरा मापदंड बताया। राष्ट्रपति से लालू यादव की बिगड़ती हुई स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए तत्काल रिहा किए जाने की मांग की।
उत्तर प्रदेशीय यादव महासभा के प्रदेश प्रभारी जयप्रकाश यादव, प्रदेश अध्यक्ष, राम शंकर यादव एडवोकेट, अनवर सिंह यादव, युवा अध्यक्ष उत्तर प्रदेशीय यादव महासभा अवनीन्द्र यादव, उत्तर प्रदेशीय यादव महासभा (महिला) की अध्यक्ष अरुणा यादव, राजकुमार यादव, अश्वनी यादव, हरिकिशन यादव, साहब सिंह यादव, डॉ. अवधेश यादव फिरोजाबाद, आलोक यादव, चरण सिंह यादव, डॉक्टर प्रवीण यादव, विक्रांत यादव, अरविंद यादव अयोध्या, शिवराम सिंह यादव, अनिल यादव, डॉक्टर मनोज यादव, सुरेंद्र सिंह, विनीत यादव, महिपाल यादव, आशीष यादव युवा अध्यक्ष, डॉ. हरिओम यादव फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद के विनोद यादव आदि ने विचार रखे।