— 1 पेड़ 50 साल में 41 लाख रुपए के पानी की रीसाइक्लिंग करता है।
— 1 पेड़ 50 साल में 17.50 लाख रुपए की आक्सीजन का उत्पादन करता है।
— 1 पेड़ तापमान में लगभग 3 प्रतिशत की कमी करने में मददगार होता है। इनकी पत्तियों से पानी का वाष्पीकरण होता है। यह प्रक्रिया तापक्रम को बढ़ने से रोकती है।
— एक वयस्क व्यक्ति द्वारा जीवनभर के फैलाए प्रदूषण को 300 पेड़ मिलकर आसानी से खत्म कर सकते हैं।
— वातावरण को शुद्ध रखते हैं, कार्बन डाई ऑक्साइड को प्राण वायु ऑक्सीजन में बदलते हैं। साथ ही छाया भी देते हैं।
— पेड़ की पत्तियां हवा के वेग को रोकने का काम करती हैं जिससे आंधी-तूफान नियंत्रित होते हैं।
पर्यावरण इंजीनियर उमेश शर्मा का कहना है कि कुछ लोग ये सोचते हैं कि पेड़ जो काम कर सकता है वो पौधे नहीं कर पाते। लेकिन ऐसा नहीं है। पर्यावरण की दृष्टि से देखा जाए तो पेड़-पौधे में कोई अंतर नहीं है। दोनों एक ही समान वातावरण को शुद्ध बनाने का काम करते हैं। लेकिन इनके बीच फर्क इतना है कि एक पेड़ या वृक्ष की आयु बहुवर्षीय होती है जबकि पौधे कुछ चार से पांच वर्षो तक ही रह पाते हैं। इसलिए ऐसे पौधे लगाएं जो बड़े होकर वृक्ष और पेड़ का रूप लें और लंबे समय तक रहें।
उमेश शर्मा का कहना है यदि हम सब सिर्फ एक ऐसा पौधा खुद लगाने का संकल्प लें जो आगे चलकर बड़ा वृक्ष बने तो एक एक करके पेड़ों की संख्या करोड़ों में पहुंच सकती है। लेकिन सिर्फ पेड़ लगाने से ही काम नहीं चलेगा, इनकी देखभाल भी करनी होगी और इन्हें बचाने के लिए भी प्रयास करने होंगे।
जून का महीना चल रहा है, साथ ही गर्मियों की छुट्टियां शुरू हो चुकी हैं। ऐसे में ज्यादातर लोग कहीं न कहीं घूमने जाएंगे। ऐसे में संभव हो तो आप साथ में नीम के फल यानी निबौरी, आम की गुठलियां, जामुन की गुठलियां या ऐसे ही कुछ बीज अपने साथ ले जाएं। जहां खाली मिट्टी दिखे, वहां इन्हें फेंक दें। जैसे ही बारिश आएगी, उनमें से पौधा खुद निकल आएगा।