जानकारी के अनुसार बिहारी के छपरा जिले के तरैया निवासी सतेंद्र सिंह परिवार समेत फरीदाबाद में रहते थे। तीन दिन पहले उनकी बेटी की मौत हो गई थी। फरीदाबाद में बेटी का अंतिम संस्कार करने के बाद परिवार कार से अस्थियां लेकर बिहार जा रहा था। सतेंद्र की कार को टक्कर मारने वाली बोलेरो इटावा से आगरा आ रही थी। थाना फतेहाबाद क्षेत्र में आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे के किलोमीटर 29 के पास अचानक बोलेरो बेकाबू हो गई। डिवाइडर तोड़कर दूसरी दिशा में चली गई। सामने से आ रही कार से बोलेरो की जबरदस्त टक्कर हो गयी।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर हादसे में इन लोगों की हुई मौत
हादसे में कार चला रहा मदन कुमार पुत्र हरेराम, उसके बगल की सीट पर बैठी सुमन पत्नी सत्येंद्र कुमार, पीछे बैठे सत्येंद्र पुत्र आत्म नारायन, उनका पुत्र अनूप सिंह पुत्र सत्येंद्र सिंह, सुबोध पुत्र रामबाबू निवासी भट्रा (तरैया, छपरा, बिहार) गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने जांच के बाद सतेंद्र (50), पुत्र आत्म नारायन, उनके पुत्र अनूप सिंह (26), कार चालक मदन सिंह पुत्र हरेराम को मृत घोषित कर दिया। सुमन और सुबोध का इलाज चल रहा है। इधर, बोलेरो में बैठे आशीष पुत्र जयवीर निवासी न्यू मार्केट जीवनी मंडी भी अस्पताल में भर्ती हैं। हादसे के बाद परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
बेटी की मौत के बाद पिता-पुत्र भी चल बसे
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर हुए हादसे में गंभीर रूप से घायल सुमन और सुबोध ने बताया कि तीन दिन पहले फरीदाबाद में सत्येंद्र की बेटी की मौत हो गई थी। इससे परिवार में कोहराम मचा था। सत्येंद्र अपनी बेटी की अस्थियां बिहार ले जा रहा था। ताकि अपने पैतृक गांव में बेटी की अस्थियां स्थापित कर सके। उन्हें क्या पता था कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर मौत उनका भी इंतजार कर रही है। बेटी के बाद पति और बेटे की मौत से सुमन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। गंभीर रूप से घायल सुमन होश में आते ही पति और बेटे को याद कर फिर बेहोश हो जाती है। आसपास के लोग उसे संभालने में लगे हैं।