थाना एत्माउद्दौला क्षेत्र के प्रकाश नगर में नेकराम अपने परिवार के साथ रहता है। उसके चार पुत्रियां और दो पुत्र हैं। दोनों पुत्रों का विवाह हो चुका है। शुक्रवार रात को घर में उसकी दूसरी नंबर की बेटी दुर्गेश का शव कमरे में फंदे पर लटका मिला। जब छोटी बहन ने शव को फंदे पर लटका देखा, तो उसके होश उड़ गए। उसने परिजनों को सूचना दी। पिता गांव में थे, और दोनों भाई भी घर से दूर थे। पुलिस को 100 नंबर पर सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस को तीन पेज का सुसाइड नोट मिला, जिसमें दुर्गेश ने चौंकाने वाली बातें लिखीं।
पुलिस को मौके से जो तीन पेज का सुसाइड नोट मिला है, उसमें चौंकाने वाली कहानी लिखी है। दुर्गेश ने इस सुसाइड नोट में लिखा है कि आज तीन दिन हो गए हैं, मां ने और मैंने कुछ भी नहीं खाया है। पिता, भाई बड़ी बहन के यहां जाकर खाना खा आते हैं। मैं अपनी दादी, नानी, बुआ, बड़े भाई की वजह से मर रही हूं और मैं ये चाहती हूं, कि इन सब लोगों ने हमारे साथ जो कुछ भी किया है, उसकी उन्हें सजा मिले और अब मैं ये दुआ करूंगी कि हे भगवान मेरे जैसे पिता और भाई किसी दुश्मन को भी न दे।
पुत्री की मौत के बाद थाने में बैठे पिता नेकराम से बात की गई, तो उसने पूरी कहानी को ही उल्टा कर दिया। उसने बताया कि पुत्री की मौत का जिम्मेदार उसका छोटा पुत्र मुकेश है। मुकेश के ससुराली पक्ष का एक युवक उनके घर आकर रहता था, जिसका विरोध करने पर मुकेश ने उनके साथ मारपीट की। नेकराम ने बताया कि पुत्री की हत्या छोटे पुत्र ने की है और हत्या को आत्महत्या में बदलने के लिए शव को फंदे से लटका दिया है।