ट्रांस यमुना की रहने वाली महिला से सईद कुरैशी ने पहले दोस्ती की। वह हिन्दू की तरह बातें और व्यवहार करता था। महिला को शादी के लिए राजी कर लिया। सईद ने महिला को प्यार का नाम रुखसाना किया। कुछ दिन बात महिला को पता चल गया कि उससे धर्म छिपाया गया है। महिला ने विरोध करना शुरू कर दिया। सईद ने कहा कि धर्म कोई बाधा नहीं होती है प्यार में। उसके बच्चे भी हिन्दू की तरह रहेंगे। वह कोई आपत्ति नहीं करेगा। सईद ने उसे कई साल तक किराये के मकान में रखा। उसके दो बच्चे हो गए।
वर्ष 2017 में सईद कुरैशी महिला को अपने वजीरपुरा स्थित मकान में लेकर आया। यहां कर महिला को पता चला कि वह तो पहले से ही शादीशुदा है। उसके बच्चे भी हैं। महिला ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। इस पर पति ने मारपीट शुरू कर दी। महिला का विरोध बंद न हुआ तो सईद ने तीन तलाक दे दिया।
तीन तलाक के बाद बारी आई हलाला की। सईद ने अपने फूफा नियाज से घर में ही हलाला कराया। इस दौरान वह बाहर पहरेदारी करता रहा। महिला का आरोप है कि सईद ने हलाला के दूसरे दिन अप्राकृतिक संबंध बनाए। उसे घर में ही कैद करके रखा गया था। कहीं जा नहीं सकती थी। 28 अप्रैल, 2018 को मौका मिला तो घर से भाग गई। छिपकर रह रही थी। गुरुवार को उसने थाना हरीपर्वत पहुंचकर शिकायत की। पुलिस ने सईद कुरैशी, नियाज, देवर अजमेरी, भांजा मुन्ना व सास सहरबानो के खिलाफ दुराचार, बंधक बनाना, मारपीट आदि की धारा के अंतर्गत रिपोर्ट दर्ज की है।