यदि मकान, जमीन, सोना—चांदी आदि कोई ऐसी वस्तु खरीदना चाहते हैं जो हमेशा आपके पास रहे, तो इसे स्थिर लग्न में खरीदें क्योंकि ये चीजें समृद्धि की द्योतक हैं। इनकी स्थिरता जरूरी है। स्थिर लग्न शाम 7:06 बजे से 8:43 बजे तक रहेगा। इस दौरान आप सोना—चांदी, हीरा आदि बहुमूल्य वस्तु खरीद सकते हैं। यदि जमीन या मकान खरीदना हो तो इस समय पर एडवांस रुपए देकर सौदा पक्का कर सकते हैं।
ध्यान रहे
यदि किसी कारणवश 25 अक्टूबर को स्थिर लग्न में जमीन या मकान का सौदा न हो पाए तो आप इस काम को 26 अक्टूबर को सुबह 08:01 बजे से 09:00 बजे तक और दोपहर 02:08 से 03:37 बजे के बीच एडवांस मनी देकर कर सकते हैं। चूंकि तेरस तिथि 26 अक्टूबर को 3:44 मिनट तक रहेगी, इस कारण आपका सौदा धनतेरस में ही माना जाएगा।
यदि कोई चलायमान वस्तु जैसे वाहन, वॉशिंग मशीन, फ्रिज या कोई अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान जो चलता भी है और घर में रखा भी रहता है, खरीदना चाहते हैं तो इन्हें चर लग्न या द्विस्वभाव लग्न में खरीदें। अगर वाहन टैक्सी के लिहाज से खरीदना है तो चर लग्न में खरीदना अति शुभ है। 24 अक्टूबर को द्विस्वभाव लग्न सुबह 08:43 बजे से 10:57 बजे तक रहेगा। जबकि चर लग्न रात को 10:57 बजे से रात 01:21 बजे तक रहेगा।
धनतेरस के दिन शाम को दीपदान जरूर करना चाहिए। दीपक जलाने का शुभ समय 07:04 बजे से 08:30 बजे तक रहेगा।
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रूप चतुर्दशी 26 अक्टूबर को पड़ेगी। इस दिन घर की दरिद्रता दूर करने व परिवारीजनों को अकाल मृत्यु से बचाने के लिए पूजा की जाती है। इसके लिए घर के मुख्य द्वार पर चौमुखी दीपक जलाया जाता है। दीपक जलाने का शुभ समय शाम 06:50 बजे से लेकर 07:30 बजे तक रहेगा।
शाम 06:40 बजे से लेकर 08:30 बजे तक पूजन का अति शुुभ समय है और 08:35 से लेकर 10:40 बजे तक शुभ समय है। पूजन उत्तर—पूर्व दिशा में करें।
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4. गोवर्धन पूजा
28 अक्टूबर को गोवर्धन पूजन किया जाएगा। कुछ जगहों पर गोवर्धन पूजा सुबह व कुछ जगहों पर शाम के वक्त की जाती है। सुबह के समय पूजन का अतिशुभ समय 09:00 से 10:11 बजे तक है। व शुभ समय सुबह 10:11 से 12:15 तक रहेगा। वहीं शाम को 07:30 से लेकर 08:30 मिनट तक अति शुभ समय है। 08:30 से 10:30 बजे तक शुभ समय है।
दीपोत्सव का समापन भाई दूज के साथ होता है। इस बाद भाई दूज द्वितीया तिथि सारे दिन के लिए रहेगी। भाई को तिलक करने का समय इस प्रकार है। सुबह 07:45 बजे से 10:05 तक अति शुभ समय, 10:05 से 12:05 शुभ समय, 01:50 से 3:00 बजे तक शुभ समय, 4:30 के बाद 4:50 तक शुभ समय, शाम 6:20 से 8:15 अतिशुभ समय और 8:15 से 10:10 बजे तक शुभ समय रहेगा।
सभी बहनें स्नान कर पहले अपने इष्टदेव का पूजन करें। इसके बाद आटे से चौक बनाएं। उस पर पाटा या चौकी रखकर भाई को बैठाएं। फिर भाई का तिलक करें। मिष्ठान खिलाएं और भाई पैर छूकर बहन का आशीर्वाद लें। ज्योतिषाचार्य का कहना है कि भाई को पूर्व मुख करके बैठाएं, इससे उनकी यश और कीर्ति बढ़ेगी व स्वास्थ्य उत्तम होगा व बहनें उत्तर मुख होकर टीका करें, इससे उन्हें धन लाभ होगा।