ताजनगरी में लापरवाही का यह मामला कमलानगर के मुगल रोड स्थित एक रश्मि मेडिकेयर अस्पताल का है। फिरोजाबाद भारतीय किसान यूनियन की जिलाध्यक्ष भावना अग्रवाल ने बताया कि बुधवार को उनके 80 साल के ससुर सुरेश चंद्र अग्रवाल को बेचैनी और घबराहट होने लगी। इसपर उन्हें आगरा के रश्मि मेडिकेयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां डॉक्टरों ने उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया। इसके बाद दवाएं मंगाने को कहा। ससुर का हेल्थ इंश्योरेंस होने के चलते उन्होंने अस्पताल परिसर में स्थित नेशनल मेडिकल स्टोर से दवाएं लीं। मेडिकल स्टोर संचालक ने उन्हें दवाएं न देकर सीधे आईसीयू में पहुंचा दिया।
फिरोजाबाद भारतीय किसान यूनियन की जिलाध्यक्ष भावना का कहना है कि आईसीयू में स्टाफ ने इंजेक्शन का रैपर खोला। इस दौरान काल्स्टीमेथेट सोडियम इंजेक्शन में डिस्टिल्ड वाटर पहले से ही मिला था। इसपर उन्होंने इंजेक्शन लगाने से मना कर दिया। भावना का आरोप है कि जब उन्होंने इसकी शिकायत मेडिकल स्टोर संचालक से की तो वह उन्हें गुमराह करने लगा। काफी देर तक हंगामे के बाद संचालक ने बताया कि किसी तीमारदार ने इंजेक्शन वापस किया होगा उसे चेक नहीं कर पाए, इसलिए गड़बड़ी हुई है। दूसरा इंजेक्शन दे दिया। सहायक औषधि आयुक्त अतुल उपाध्याय ने बताया कि जांच कराई जाएगी। भावना का आरोप है कि पहले दिन मेडिकल स्टोर संचालक ने उन्हें दवाएं भी कम दी थीं।
इस मामले में रश्मि मेडिकेयर अस्पताल के संचालक डॉ. शुभम सिंघल ने बताया कि मेडिकल स्टोर अस्पताल परिसर में किराए पर चल रहा है। उसका अस्पताल से कोई लेना-देना नहीं है। वहीं नेशनल मेडिकल स्टोर संचालक सुनील अग्रवाल ने बताया कि हमारे यहां सभी दवाएं बिल पर दी जाती हैं। कंपनी से दवाओं की आपूर्ति में ही कुछ गड़बड़ी हुई है। हालांकि इंजेक्शन और दवाएं देने से पहले मेडिकल स्टाफ को जांच करनी चाहिए। इस मामले में पता चलते ही इंजेक्शन बदल दिया गया था।
-आगरा से प्रमोद कुशवाहा की रिपोर्ट