पूर्व मंत्री राजा अरिदमन सिंह ने कहा कि पूर्व की सरकारों में भी तालाबों के जीर्णोद्धार का प्रयास हुआ, लेकिन तकनीकि रूप से इन तालाबों की जो खुदाई की गई, वो सही नहीं थी। तालाबों को गहरा दिखाने के लिए मिट्टी की खुदाई कर उसे साइड में रख दिया गया। इसकी चिंता नहीं की गई, कि इन तालाबों में पानी आयेगा कहां से। इन तालाबों में ढलान का ध्यान रखना चाहिए थे, जिससे आस पास का बारिश का पानी इस तालाबों में संचित हो सके।
पूर्व मंत्री राजा अरिदमन सिंह ने कहा कि प्राथमिकता तो अधिकारी तय कर रहे हैं और जनप्रतिनिधि अपनी अपनी विधानसभाओं में प्रयास करें। जो सबसे बड़ा तालाब था रिकॉर्ड में उसे ही हमने अपनी प्राथमिकता बनाया और जिलाधिकारी व सीडीओ से कहा था कि इस तालाब को मॉडल तालाब के रूप में विकसित किया जाए। इसके किनारे पौधारोपण भी किया जाए। बारिश के महीने में, ये काम जल्द से जल्द हो जाए।
विधायक होने के नाते, जब बाह विधानसभा क्षेत्र में भ्रमण करता था, तो ये जानकारी मिलती थी, कि कुओं का पानी नीचे जा रहा है। कुआं सूखने लगे हैं। 1989 के दशक में पिता जनता पार्टी की सरकार में मंत्री थे, तो उन्होंने सिंचाई के लिए चंबल लिफ्ट इरिगेशन की स्कीम पास कराई थी। उस समय इस योजना के लिए छह करोड़ पास हुए थे, लेकिन सरकार गिरते ही इसकी प्राथमिकता खत्म हो गई। इसके बाद 1997 में जब मैं मंत्री बना तो इस योजना को टेकअप किया और तत्कालीन सिंचाई मंत्री ओमप्रकाश सिंह से बात की। इसके बाद 18 माह में ये योजना पूरी हुई। इसका नामकरण भी उन्होंने राजा रिपुदमन सिंह डाल परियोजना रखा और साढ़े चार क्यूसेक पानी बाह विधानसभा को सिंचाई के लिए मिलने लगा।
भाजपा के साथ राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले राजा महेंद्र अरिदमन सिंह ने बाह विधानसभा सीट पर अपना परचम बुलंद रखा है। यहां से छह बार के विधायक रहे राजा को हराने के लिए सभी दलों ने कोशिशें की,लेकिन एक हार अवसाद के तौर पर उन्हें मिली। राजा महेंद्र अरिदमन सिंह 1996 में कल्याण सिंह के मंत्रिमंडल में इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री एवं एकीकरण मंत्री रहे। इसके बाद उन्हें 2001 में राजनाथ सिंह के मंत्रिमंडल में परिवहन मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया। साल 2002 में बीजेपी-बीएसपी के गठबंधन की सरकार बनीं, तो मायावती के मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्रालय की बड़ी जिम्मेदारी उन्हें दी गई। आगरा के सेंट जॉन्स कॉलेज, आगरा से एमकॉम अरिदमन सिंह सपा सरकार में पहले परिवहन मंत्री, बाद में स्टांप एवं पंजीयन विभाग में मंत्री रहे। इससे पहले वो बीजेपी सरकार में दो बार और एक बार बीजेपी-बीएसपी सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। अरिदमन सिंह के निकटस्थ लोग उन्हें महाराजा भदावर या राजा भदावर का संबोधन देते हैं।