11 सितंबर से पूर्व 9 सितंबर को गांव सैमरा में ठाकुरों ने एक बैठक का आयोजन किया था। इस बैठक के बारे में जैसे ही पुलिस अधिकारियों को पता चला, तो उनके होश उड़ गये। पुलिस अधिकारियों ने क्षत्रिय भवन में ठाकुरों को नजरबंद कर लिया था। उन्हें शाम पांच बजे तक इस भवन से बाहर जाने की इजाजत नहीं दी गई। क्षत्रिय सभा के सभी लोग गांव सैमरा जा रहे थे। उधर गांव सैमरा में भी पुलिस ने सख्ती दिखाई, तो यहां बैठक नहीं हो पाई। लेकिन क्षत्रिय सभा द्वारा फिर भी एक बैठक कुलदेवी के मंदिर पर कर ली गई। इस बैठक में निर्णय लिया गया, कि 11 सितंबर को होने वाली महापंचायत किसी भी सूरत में नहीं टाली जायेगी। क्षत्रियों के इस ऐलान से पुलिस प्रशासन अलर्ट है।
क्षत्रिय महासभा के महामंत्री ऐके सिंह ने बताया कि देवकी नंदन ठाकुर 11 सितंबर को अपरान्ह एक बजे खंदौली के गांव सैमरा पहुंच रहे हैं। ये महापंचायत किसी भी सूरत में नहीं टाली जायेगी। वहीं इससे पूर्व 9 सितंबर को होने वाली बैठक के बारे में उन्होंने बताया कि सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। 9 सितंबर को जिस प्रकार क्षत्रियों को उनके ही भवन में कैद कर दिया गया, ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने बताया कि भागवताचार्य के आने का पूरा प्रोग्राम तैयार हो गया है। इस महापंचायत में 22 गांव के ठाकुर शामिल होंगे और महापंचायत में बड़ा फैसला लिया जायेगा। इस महापंचायत में 6 सितंबर को भारत बंद आंदोलन के दौरान लगाये गये फर्जी मुकदमों के मामले में भी निर्णय होगा।