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आगरा

Person of the week मिलिए डॉ. सुभाष शल्या से जो Social media पर चला रहे हैं बिना दवा खाए घुटने ठीक करने का अभियान, देखें वीडियो

डॉ. सुभाष शल्या सोशल मीडिया पर चला रहे अनोखा अभियानजानवरों का दूध और फ्रिज में रखा भोजन करना बंद करें
घुटनों के दर्द से परेशान महिलाएं किचन में स्टूल पर काम करें
घुटनों को चलाना है, चलना नहीं है, फालतू खड़े नहीं रहना है

आगराFeb 03, 2020 / 05:06 pm

Bhanu Pratap

dr Subhash Shalya

dr Subhash Shalya

आगरा। आजकल हर कोई बीमार है। डॉक्टर पर जाओ तो तगड़ी फीस और जांच। इलाज में घर का बजट बिगड़ जाता है। ऐसे में अगर कुछ ऐसा हो जाए कि घर बैठे ही समस्या का समाधान हो जाए। न डॉक्टर के पास जाना पड़े और न ही कोई जांच करानी पड़े। डॉक्टर की सलाह भी वॉट्सऐप पर मुफ्त में मिल जाए। हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सुभाष शल्या (Dr Subhash Shalya) ऐसा ही कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया (Social media) पर वॉट्सऐप (Whatsapp), फेसबुक (Facebook) और यूट्यूब (You tube) के माध्यम से घुटने (Knee) ठीक करने का अभियान शुरू किया है। घुटनों को बिना दवा के सिर्फ व्यायाम से ठीक करने के अनेक वीडियो वायरल हुए हैं। देश-विदेश के लाखों लोग लाभ प्राप्त कर रहे हैं। उन्हें वीडियो बनाकर भेजते हैं कि लाभ हुआ या नहीं। डॉ. सुभाष शल्या वॉट्सऐप पर लोगों को सलाह भी देते हैं। उन्होंने वजन घटाने का एक फार्मूला भी सार्वजनिक किया है। उनका कहना है कि इसके अनुसार खानपान रखें और वजन न घटे तो एक लाख रुपये नकद ले जाए। आइए जानते हैं डॉ. सुभाष शल्या के बारे में। वे माह में दो दिन दिल्ली से आगरा आते हैं। इस दौरान संगोष्ठियां करके बिना दवा के स्वस्थ रहने की तरकीबें बताते हैं।
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अभियान छेड़ा

डॉ. सुभाष शल्या ने एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा से एमबीबीएस की डिग्री ली। फिर हड्डी रोग में विशेषज्ञता हासिल की। देश के तमाम बड़े अस्पतालों में काम किया। चिकित्सकीय अध्ययन के दौरान ही उन्होंने जन स्वास्थ्य को लेकर पुस्तक लिखी- रोग क्या, क्यों कैसे, जिसकी 10 हजार प्रतियां निःशुल्क बांटी गई। अब पुस्तक का नहीं, सोशल मीडिया का जमाना है। इसलिए आम जनता का स्वास्थ्य, खासतौर पर घुटने ठीक करने के लिए सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ रखा है। वीडियो देखकर ही लोग व्यायाम कर लाभ प्राप्त कर रहे हैं। स्वास्थ्य को लेकर विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में एक हजार लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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वीडियो से लाभ

उनका फंडा है- चिकित्सक जनता को रोग से बचाव के प्रति जागरूक करने की शपथ लेते हैं। यह काम करना चाहिए। रोगी को इलाज के साथ जागरूक करना है। हर चीज सोशल मीडिया पर डालने से आर्थिक नुकसान नहीं होता क्या, सवाल पर कहते हैं कि हिन्दी जानने वाले पूरे विश्व में वीडियो देखकर लाभ प्राप्त कर रहे हैं। फिर भारत आते हैं तो गिफ्ट लेकर आते हैं। इसलिए कोई नुकसान नहीं है।
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भोजन चार्ट

मोटापा की समस्या पर कहते हैं- मेरा भोजन चार्ट है। इसके अनुसार भोजन करने से वजन 200 ग्राम प्रतिदिन घटने लगता है, स्वास्थ्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, चेहरे पर चमक बढ़ जाती है। स्वास्थ्य ठीक हो जाता है। इसमें कृत्रिम चीजें हटानी पड़ती है। जानवरों का दूध बंद करना है क्योंकि दूध असली नहीं मिल रहा है। मानव का दूध मानव के लिए और जानवरों का दूध जावनरों के लिए है। फेसबुक पर भोजन चार्ट उपलब्ध है।
dr Subhash Shalya
जानवरों का दूध और सड़ा हुआ भोजन बंद करें

डॉ. सुभाष शल्या का मानना है कि बीमारी का मुख्य कारण जानवरों का दूध और सड़ा हुआ भोजन है। जैसे 15 दिन पहले तोड़ा गया सेब खा रहे हैं, यह नुकसानदायक है। रोज का तोडा हुआ फल और सब्जी रोज खाओ, सूर्य की रोशनी में रहिए, शारीरिक श्रम करिए। अगर 8-10 घंटे कंप्यूटर पर काम कर रहे हैं तो आधा घंटा कमर को भी देना चाहिए। जो पैसा खाते हैं, वे नरक की जिन्दगी जाते हैं। जो लोग गरीब का खाना खाता हैं, देहाती खाना खाते हैं, मोटा खाना खाते हैं, वही स्वस्थ रहते हैं। जो पैसे का खाना खाते हैं, वही बीमार पड़ते हैं। स्वास्थ्य के लिए दो चीज सबसे गंदी हैं, खाने के लिए फ्रिज और घुटनों के व्यायाम के लिए ट्रेड मिल। फ्रिज में रखी कोई चीज सुरक्षित नहीं रहती है। खाना तो सड़ेगा। 24 घंटे से ज्यादा रखोगे तो सड़़ेगा और सड़ा हुआ खाना ही बीमारी है।
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महिलाएं किचन में खड़े होकर काम करना बंद करें

उनका कहना है कि अगर महिलाएं रसोईघर में खड़े होकर काम करना बंद कर दें तो घुटनों की समस्या से तत्काल निजात मिल जाती है। इसके लिए एक स्टूल आता है डेढ़ से दो हजार रुपये का। जैसे ही स्टूल पर बैठकर काम करना शुरू करती हैं, महिलाएं कहती हैं कि जिन्दगी बच गई। किचन में स्टूल पर बैठकर काम करने से घुटनों का दर्द समाप्त हो जाता है। ये बार स्टूल के नाम से मिलता है लेकिन मैंने किचन स्टूल नाम दिया है। जोड़ों के दर्द की दवा माह की 5000 रुपये की पड़ती है, वह बंद हो जाएगी। सामान्य व्यायाम करना होता है। घुटनों के बीच अखबार फंसाकर व्यायाम का वीडियो बहुत लोकप्रिय है। इसे करते रहिए, जब तक घुटने रहेंगे, समस्या नहीं रहेगी। घुटनों को चलाना है, चलना नहीं है। फालतू खड़े नहीं रहना है।
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मरीज के हित में सोचें

ईश्वर ने हमें नार्मल पैदा किया है तो जिन्दगीभर नार्मल रहना है। ईश्वर को अगर घुटने खराब करने होते तो खराब घुटनों के साथ पैदा किया होता। 20 साल तक नार्मल हैं तो 100 साल तक नॉर्मल रहेंगे। जो डॉक्टर सिर्फ दवा लिखने की बात करते हैं, वे बताएं कि क्या पैसे को साथ ले जाएंगे। मैंने को किसी को पैसा साथ ले जाते देखा नहीं है। फिर लोगों को हेल्थ टिप्स देने में क्या बुराई है? डॉक्टरों के लिए संदेश ये है कि मरीज के हित में सोचें, आपके बारे में भगवान सोचेगा। केवल अपने लिए यानी पैसे के लिए सोचेंगे तो पैसा किसी काम नहीं आएगा। 200 रुपये से ज्यादा का कोई नहीं खा सकता है। फिर 2000 इकट्ठे करके क्या करना है।

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