आईजी ए सतीश गणोश ने इस गैंग का खुलासा करते हुए बताया कि आगरा की तहसील बाह के सिधावली और खेड़ा राठौर थाना क्षेत्र के गांव मझटीला के रहने वाले दीवान सिंह और सचिन मिश्र मिलकर यह गिरोह चला रहे थे। सचिन मिश्र का एक रिश्तेदार भी ठगी का यह कारोबार करता था, उससे सीखकर ही दो वर्ष पहले सचिन ने भी गिरोह बना लिया।
यह भी पढ़ें– हाईटेंशन लाइन में उलझकर प्राइवेट जेट प्लेन हुआ क्रेश, सभी सवार सुरक्षित कैसे फंसाते थे जाल में सचिन और दीवान सिंह मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के अखबारों में विज्ञापन देते। इस विज्ञापन में लिखा होता था कि एनआरआइ, विदेशी, इंडियन गर्लफ्रेंड बनाने को कॉल करें। विज्ञापन में एक मोबाइल नंबर भी दिया जाता था। इस काम के लिए उन्होंने मध्य प्रदेश के भिंड के दो लड़कों को टेली कॉलर के काम के लिए जॉब पर रखा हुआ था। यही लड़के फोन कॉल रिसीव करते थे। इसके बाद कॉलर अगर गर्लफ्रेंड के लिए तैयार होता था तो उससे पहले 1650 रुपए रजिस्ट्रेशन के नाम पर खाते में जमा करवाए जाते।
इसके बाद गर्लफ्रेंड से मुलाकात कराने के नाम पर होटल का किराया, टैक्सी का बिल आदि के नाम पर 15 हजार रुपए से लेकर 70 हजार रुपए तक जमा करा लेते थे। रुपए एकाउंट में जमा होते ही नंबर ब्लॉक कर देते। इसके साथ ही शातिर नशे का कारोबार भी कर रहे थे। फिलहाल इस गैंग के सदस्य अशोक, नंदा, बृजेश, सुनील, खुशीलाल, शोभित फरार हैं।