रजा मुराद ने कहा कि ताजनगरी में ताज फिल्म फेस्टिवल एक बहुत अच्छी शुरुआत है। ये दिन सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि बचपन में मूवी देखी थी नौ दो ग्यारह। उस फिल्म में ताजमहल को देखा था। उसके बाद से आगरा से गहरा नाता हो गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आगरा ने फिल्म मेकर्स को बहुत आकर्षित किया, लेकिन यहां पर शूर्टिंग की अनुमति लेना बहुत मुश्किल है। यदि यहां के लिए यहां वन विंडो कर दी जाए, तो प्रड्यूशर को बहुत आसानी हो जाएगी। आगरा में इतने प्यारे लोकेशन हैं, कि पूरी फिल्म यहां बनाई जा सकती है। सरकार की तरफ से सुविधायें दी जाएं और किसी भी इमारत पर ऐफीडेविड लेकर परमीशन दे दें। तो बहुत आसानी हो जाएगी।
फिल्म अभिनेता रजा मुराद ने कहा कि उत्तर प्रदेश के बहुत से शहरों में एयर कनेक्टिविटी सीधे है, लेकिन आगरा में नहीं है। पहले दिल्ली आओ और फिर दिल्ली से आगरा का पांच घंटे का सफर होता है। उन्होंने बताया कि महज दिल्ली को पार करने में दो घंटे लग जाते हैं। यदि आगरा की एयर कनेक्टिविटी सीधे हो जाए, तो मायानगरी से आगरा की दूरी बहुत कम ही नहीं, बल्कि यहां तक प्रड्यूशर की पहुंच भी बहुत आसान हो जाएगी।
इस दौरान व्यक्तिगत बातों को साझा करते हुए रजा मुराद ने बताया कि राजकपूर की फिल्म राम तेरी गंगा मैली में काम करने का मौका मिला। इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इस फिल्म के बाद काम की कोई कमी नहीं रही। उन्होंने बताया कि जब ये मूवी रिलीज हुई, तो वे आगरा में ही थे और उन्होंने यहां शीला टॉकीज में ये मूवी देखी थी।