हिमालय-हिन्द माहासागर राष्ट्र समूह का संक्षेप HHRS (एचएचआरएस) है, जिसका उच्चारण हर्ष है। आज हम इसका बीजारोपण बीज के फल का नामकरण भी कर रहे हैं। हर्ष का मतलब हैप्पीनेस, खुशी प्रोसपेरिटी है। आगरा इस आंदोलन की जन्मदाता है। ये सभागार जन्मस्थल है। आप सब इसके जन्म के साक्षी। औलाद हुई तो लोगों ने पूछा नाम क्या है आप बता सकते हैं कि हर्ष नाम है। कल जब हम विदा होंगे तो धरती का पवित्र दिन होगा प्रथन नवरात्र। आज बीजारोपण और कल नए आंदोलन के रूप में नया बालक का हैप्पी बर्थ डे मनाकर विदा होंगे।
उन्होंने कहा कि फादर ऑफ द नेशन अजीब सा राष्ट्रवाद है। बापू को फादर ऑफ द नेशन कहा गया है। इसका आज तक कोई प्रमाण नहीं है। बस चल पड़ा है। जब ट्रम्प ने मोदी को कहा तो मेरे पास पत्रकार आए। मैंने कहा कि 72 साल पहले बिना किसी प्रमाण के और बिना किसी तथ्य के मान लिया कि बापू फादर आफ द ओल्ड नेशन है। ट्रम्प ने कह दिया कि भारत को नया फादर दे रहे हैं सो कहा कि मोदी इज फादर ऑफ न्यू भारत। इतिहास में कभी-कभी ऐसी घटनाएं घटती हैं। वे समय के साथ चली जाती हैं या मार्गदर्शक तत्व बन जाती हैं।
इन्द्रेश कुमार ने बताया कि दो माह पहले काशी में था। उत्तर प्रदेश की 40 जातियों का सम्मेलन था। सबका धर्म एक था इस्लाम। मैं मुख्य वक्ता था। मैंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, हिन्दुस्तान में इस्लाम की 44 करोड़ जनसंख्या है। साढ़े 99 फीसदी से अधिक जनसंख्या ऐसी है जिसकी जड़ें पुराने भारत के गांव-गांव, गली-गली और मोहल्ले-मोहल्लेल में है। इससे बाहर नहीं है। उनके पूर्वज, निवास, परंपरा, रीति-रिवाज, भाषा बोली की जड़ हिन्दुस्तान के गांव से जुड़ती हैं। जब कोई भी वृक्ष जड़ों से टूटता है तो वह बेकार हो जाता है। लकड़ी भी जलाने का काम नहीं आती है। इसलिए मेरा उत्तर प्रदेश के मुसमलानों से कहना है कि दिन आ गए हैं जब आप अपनी जड़ों से जुड़िए। खूब तालियां बजीं। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद हर एक जाति और उपजाति के लोगों ने प्रमाण दिए कि सैकड़ों साल पहले किन मुसीबतों में ये कनवर्ट हुए। ये आलोचना नहीं है, धमकी भी नहीं है, यह सत्य का दर्शन है। इसलिए भारत को इस सत्य का साक्षात्कार करना और विश्व को इसका साक्षात्कार कराने का समय प्रारंभ हो गया है। हममें से बैठे हुए कुछ 5, 10,15 साल के मेहमान हैं। हम ये अवसर लाएंगे कि बिना रक्तपात के। अपने आचरण और अपने संकल्प से लाएंगे। इसलिए एक विश्व पटल पर नए समीकरण हों जो भूगोल, इतिहास, विकसित अर्थव्यवस्था, सांस्कृतिक एकजुटता का समीकरण है। हिंसा से निकलकर तेजगति से विकास का समीकरण है। उसका बीजारोपण करने को हम इकट्ठे आए हैं। पर्यावरण बचेगा, प्लास्टिक भागेगा, नारी का शोषण नहीं होगा, धर्म पर झगड़े नहीं होंगे।
हम यहां भाषण करने या सुनने नहीं, बल्कि संकल्प के साथ विदा होने के लिए आए हैं। प्रैक्टसिंग सेमिनार है यह। प्रवचन या पेपर रीडिंग की गोष्ठी नहीं है। प्यार किया तो डरना क्या। जब हमने इस संकल्प से प्यार कर लिया तो शरमाना किस बात का। जिसने की शरम उसके फूटे करम। मिशन के साथ प्यार के रिश्ते को जोड़ने के लिए प्यार किया है। वादा किया तो निभाना पड़ेगा। भारत तो लैला-मजनू, हीर रांझी, राधा-कृष्ण को जीता है। वह वैलेनटाइन डे जैसे लव अफेयर को नहीं जीता है। जिन्दगी के सफर को सुनहरा बनाकर जिएंगे।
अतिथियों का स्वागत रोमसंस के किशोर खन्ना ने किया। उन्होंने कहा कि 54 देशों में व्यापार, पर्यावरण, चिकित्सा, पर्यटन के क्षेत्र में सहमति बननी चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा जागरूक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल आरएन सिंह ने भारत की गौरवगाथा का प्रस्तुतीकरण किया। उत्तर प्रदेश के लघु उद्योग राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने भारत की महिमा बताई। मंच पर भाजपा बृज क्षेत्र के संगठन मंत्री भवानी सिंह, भाजपा बृज क्षेत्र अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी, महापौर नवीन जैन आदि मौजूद थे। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता केन्द्रीय तिब्बत प्रशासन धर्मशाला के पूर्व गृहमंत्री जी डोल्मा ने की। राष्ट्रीय सुरक्षा जागरूक मंच के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. रजनीश त्यागी पर्दे के पीछे ही रहे।
सम्मेलन का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इन्द्रेश कुमार, भवानी सिंह, चौधरी उदयभान सिंह, ले. जनरल आरएन सिंह, डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति डॉ. अरविन्द कुमार दीक्षित, ब्रिगेडियर मनोज कुमार, आईपीएस हरभजन सिंह, कर्नल यूसी दुबे, अध्यक्ष स्क्वाड्रन लीडर एके सिंह, उपाध्यक्ष कर्नल जीएम खान, प्रो. राजीव उपाध्याय, रवीन्द्रपाल सिंह टिम्मा, महासचिव इंजीनियर दिवाकर तिवारी, सचिव संदीप अरोरा, ठा. पवन सिंह, विवेक खंडेलवाल, कोषाध्यक्ष एडवोकेट अनिल वर्मा, विशाल कुलश्रेष्ठ, डॉ. पंचशील शर्मा, इंजीनियर राजीव शर्मा, अन्नू दुबे और वैभव अग्रवाल, देवेन्द्र सिंह बैराठ आदि ने दीप प्रज्ज्वलित किया। अतिथियों का स्वागत भी किया गया। देर से पहुंचे सांसद राजकुमार चाहर का जोरदार स्वागत किया गया।