जेल में कैदी के खुदकुशी करने की सूचना जेल प्रशासन को नहीं थी। बुधवार रात करीब 10 बजे जब अन्य कैदियों ने ओमकार झा को अस्पताल के बाहर पेड़ पर लटका देखा तो आनन-फानन में उसे नीचे उतारा गया। तब तक उसकी जान जा चुकी थी, घटना की सूचना तत्काल जेल प्रशासन को दी।
थाना सदर राजपुर चुंगी के कृष्णपुरी के रहने वाले ओमकार झा को एसटीएफ ने 5 सितम्बर. 2019 को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उसके पास से करीब 35 हजार की करेंसी व नोट छापने वाली मशीन बरामद की थी। जिला जेल में उसे सर्किल नम्बर एक में रखा गया था।
आगरा जेल प्रशासन ने पूर्व की घटनाओं से सबक नहीं लिया। जबकि कैदियों पर नजर बनाये रखने के लिए बंदी रक्षकों की तैनाती रहती है। इसके बावजूद आत्महत्या की घटना होना जेल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है। आगरा के अलावा कासगंज सहित कई जिले ऐसे हैं जहां घटनाएं हुई हैं।
जेल में बैरक के अन्दर आते समय व बाहर जाते समय भी कैदियों की एंट्री की जाती है। दवा लेने गया कैदी जब देर तक नहीं लौटा तो बंदी रक्षकों ने उसकी जानकारी क्यों नहीं की। सवाल यह भी है कि दवा लेने गये ओमकार को क्या बीमारी थी। कहीं वह किसी अवसाद में तो नहीं जी रहा था?