scriptधर्मांतरण के 16 माह बाद हिन्दूवादी नेता पर गुंडा एक्ट   | Gunda act on Hindu leader nand kishor valmiki on conversion issue | Patrika News
आगरा

धर्मांतरण के 16 माह बाद हिन्दूवादी नेता पर गुंडा एक्ट  

थाना सदर के देवरी रोड स्थित वेदनगर में दिसम्बर 2014 में हुए  कथित धर्मांतरण  मामले के 16 महीने के बाद धर्म जागरण मंच के कार्यकर्ता नंद किशोर वाल्मीकि को गुंडा एक्ट में निरुद्ध किया गया है।

आगराApr 23, 2016 / 12:18 pm

Bhanu Pratap

nand kishor valmiki

nand kishor valmiki

आगरा। थाना सदर के देवरी रोड स्थित वेदनगर में दिसम्बर 2014 में हुए कथित धर्मांतरण मामले के 16 महीने के बाद धर्म जागरण मंच के कार्यकर्ता नंद किशोर वाल्मीकि को गुंडा एक्ट में निरुद्ध किया गया है। अल्पसंख्यक समुदाय से लगभग 100 लोगों के कथित धर्मांतरण (घर वापसी) से संबंधित एक मामले में पुलिस ने नन्द किशोर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

क्या है मामला 
थाना सदर अंतर्गत देवरी रोड स्थित वेदनगर में दिसम्बर 2014 में में हिन्दू संगठन के बैनर तले किये गए लगभग 100 मुसलमानों के कथित धर्मांतरण के मामले में नंदकिशोर वाल्मीकि आरोपी था। नन्द किशोर के ऊपर दो समुदायों के बीच वैमनस्यता फैलाने और धोखाघड़ी करने के तहत मामला दर्ज किया गया था। वाल्मीकि घटना के बाद फरार हो गया था और उसके बाद पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए 12,000 रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की थी। नंद किशोर वाल्मीकि ने बाद में अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था और जेल भेज गया था। 

अब गुंडा एक्ट लगाने पर सवाल 
कथित धर्मांतरण मामले के 16 महीने बाद नंदकिशोर वाल्मीकि को गुंडा एक्ट में निरुद्ध किया जाना बड़े सवाल खड़े करता है। सूत्रों के अनुसार अक्टूबर 2015 में गुंडा एक्ट की कार्यवाही शुरू कर दी गयी थी, लेकिन नन्द किशोर वाल्मीकि को इसकी सूचना प्रशासन द्वारा भेजे गए एक नोटिस के माध्यम से 19 अप्रैल को मिली। इस नोटिस में बताया गया है कि वाल्मीकि की गतिविधियाँ संदिग्ध हैं और कभी भी क्षेत्र में शान्ति भंग करा सकती हैं, इसलिए उस पर गुंडा एक्ट की कार्यवाही की गयी है।

क्या कहना है नन्द किशोर वाल्मीकि का 
 नन्द किशोर ने कहा कि दिसम्बर 2014 में उसके खिलाफ जबरन धर्मांतरण का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उसने अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था। 19 अप्रैल को उसे कथित धर्मांतरण मामले के 16 महीने बाद प्रशासन द्वारा एक नोटिस के माध्यम से गुंडा एक्ट में निरुद्ध किये जाने की सूचना मिली। गुंडा एक्ट में निरुद्ध किये जाने पर वाल्मीकि ने बताया कि प्रशासन ये काम बदले की भावना से कर रहा है। प्रशासन का प्रयास है कि उसे आगरा से तड़ीपार कर दिया जाए। 
 
क्या कहना है अधिवक्ता का
अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार ने कहा कि नन्द किशोर वाल्मीकि पर लगाया गया गुंडा एक्ट गलत है। न तो वो अभ्यस्त अपराधी है और न ही धर्मांतरण मामले को छोड़कर और कोई आपराधिक रिकॉर्ड है। उन्होंने बताया कि प्रशासन के इस गुंडा एक्ट में निरुद्ध किये जाने की कार्यवाही को सोमवार को अदालत में चुनौती देंगे।
 
दबाव और डर पैदा करने के लिए गुंडा एक्ट 
शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता बसंत गुप्ता ने बताया की गुंडा एक्ट की कार्यवाही अकसर ऐसे व्यक्तियों पर की जाती है जो आवारा प्रकृति के व्यक्ति हों या पेशेवर अपराधी जो लगातार आपराधिक गतिविधियों में शामिल हों। बसंत गुप्ता ने कहा कि बहुत बार इन प्रावधानों का पुलिस द्वारा दबाव और डर पैदा करने के लिए उपयोग किया जाता है।

पुलिस प्रशासन की चुप्पी 
१६ महीने बाद गुंडा एक्ट क्यों लगाया गया, इस मामले में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। नाम न छापने की शर्त पर एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कf गुंडा एक्ट की कार्यवाही पुलिस विभाग द्वारा की जाती है, तो इसका जवाब वही दे सकते हैं।

तस्वीरः धर्मांतरण के लिए हवन करते हिन्दूवादी नेता। इंसेट और लाल घेरे में नंद किशोर वाल्मीकि।

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