टीम के एक सदस्य ने कहा कि क्या हम विक्टोरियन युग में जी रहे हैं जहां महिलाओं के इनर वियर के बारे में सामाजिक रूप से बात भी नहीं कर सकते? कई साल पहले 1995 में शाहरुख खान ने काजोल के साथ ब्रा का एक सीन शूट किया था और बार-बार देखो को एक महिला ने निर्देशित किया है। इसलिए अंतःवस्त्रों द्वारा पब्लिक के उत्तेजित होने की संभावनाएं शून्य हैं।
वहीं सेंसर बोर्ड ने फिल्म में से ब्रा वाले आपत्तिजनक सीन को हटाए बगैर उसे सर्टिफिकेट दिए जाने से मना कर दिया है। एक और सीन जिसे हटाए जाने की सीबीएफसी ने मांग की थी वह कॉमिक पोर्न बुक की कैरेक्टर सविता भाभी के संदर्भ में है।
टीम के एक सदस्य ने कहा कि यदि सविता भाभी के बारे में फिल्म में टिप्पणी किया जाना गलत था तो एक्टर टाइगर श्रॉफ की फिल्म ‘फ्लाइंग जट्ट’ में सनी लियोन के नाम का इस्तेमाल किया जाना सही कैसे हो सकता है।
उन्होंने कहा कि बार-बार देखो के साथ ही रिलीज होने जा रही फ्रीकी अली में नवाजुद्दीन सिद्दीकी को पुरुषों के इनर वियर बेचने वाले एक शख्स के तौर पर दिखाया गया है। तो क्या हम यह मानें कि पुरुषों के इनर वियर स्क्रीन पर दिखाना तो सही है लेकिन महिलाओं के मामले में यह गलत है?