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योगी सरकार का फैसला, यूपी में 6 महीने तक एस्मा लागू, हड़ताल करने वाले कर्मचारी जाएंगे जेल दरअसल, कृषि अध्यादेश के विरोध में ऑल इंडिया किसान समन्वय संघर्ष समिति के आह्वान पर देशभर के किसानों को 26 नवंबर को दिल्ली पहुंचना है। इसी धरने में शामिल होने जा रही रहीं नर्मदा बचाओ आंदोलन की अध्यक्षा मेधा पाटकर को धोलपुर-आगरा की सीमा पर रोक दिया गया। पाटकर कार्यकर्ताओं के साथ बुधवार रात साढ़े आठ बजे यहां पहुंचीं। उनके आने सूचना मिलते ही आगरा की सैंया थाना पुलिस को तैनात कर दिया गया था। जैसे ही पाटकर के काफिले ने आगरा में प्रवेश करने की कोशिश की तो पुलिस ने आने से रोक दिया।
बता दें कि कृषिमेधा पाटकर शिवपुरी से ग्वालियर होते हुए आगरा की सीमा तक पहुंचीं। वह छिंदवाड़ा से 11 जनवरी को शुरू हुई जनाधिकार यात्रा का नेतृत्व कर रही हैं। आगरा के रास्ते उन्हें दिल्ली पहुंचना था। जहां जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन में शामिल होना था। आगरा एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि मेधा पाटकर के आने सूचना से पहले ही पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई थी। शांति कायम रखने के लिए उन्हें रोका गया है।
इस दौरान मेधा पाटकर ने पुलिसकर्मियों से कहा कि उन्हें किस कानून के तहत यहां रोका गया है? उन्हें दिल्ली क्यों नहीं जाने दिया जा रहा है? आखिर उनके खिलाफ कौन सी धारा लगाई गई है।