बताया गया है कि कंचन यादव का बयान बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सूत्रों की मानें तो कंचन यादव ने कहा कि मनीष शर्मा और दरवेश यादव में काफी सालों तक अच्छे रिश्ते रहे। मनीष चाहता था कि दरवेश किसी और से बात न करें। मनीष को दरवेश यादव का उनके रिश्तेदारों से भी बात करना पसंद नहीं था। दरवेश यादव का मोबाइल भी मनीष अपने पास रखता था। दरवेश यादव किसी भी तरह उससे पीछा छुड़ाना चाहती थीं। कुछ दिन पहले छुड़ा भी लिया था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कंचन ने मनीष और दरवेश के रिश्ते के बारे में विस्तार से बताया। दोनों 2004 से साथ प्रैक्टिस करते थे, दरवेश को मनीष पर बहुत विश्वास था, दरवेश का फोन भी मनीष अपने पास रखता था। दरवेश ने हॉंडा सिटी सिटी गाड़ी खरीदी थी, यह भी मनीष के पास थी।
कंचन यादव ने बताया कि दरवेश यादव की हत्या के लिए मनीष उनकी ही कार से आया था। यह कार उसने लौटाई नहीं थी। उसे घर से लेने के लिए एडवोकेट विनीत गुलेचा गया था। बाद में दोनों कार से आए। उन्होंने बताया कि मनीष के इस व्यवहार से दरवेश नाराज रहती थीं। वो धीरे धीरे उससे पीछा छुड़ा रही थीं। दरवेश ने मनीष से कह दिया था कि वो अपने फैसले अब खुद लेंगी। उन्होंने मनीष से साफ कहा था कि तुम ऑफिस संभालो, बाकी सारे काम वो खुद संभाल लेंगी।