ऋषि यादव ने बताया कि लखनऊ में विगत रात्रि वह बस का इंतजार कर रहे थे। दिल्ली की ओर जाने वाली सभी एसी बसें फुल थीं। ऐसे में जनरथ की स्पेशल बस की व्यवस्था हुई। वे बस में लखनऊ से करीब 10 बजे सवार हुए। दो सीटों को छोड़कर बस की सभी सीटें फुल थीं। बस गंतव्य की ओर रवाना हुई। सुबह चार बजकर 20 मिनट पर बस सवार सभी लोग सो रहे थे। वे भी नींद में थे। अचानक घिसटने की तेज आवाज आई, जिससे सुनकर वे हड़बड़ाहट में उठे। कुछ समझ पाते, तब तक हवा में कुछ पल के लिए बस घूमती नजर आई और इसके बाद तेज धमाके के साथ बस पानी में गिरी। ये पूरी घटना होने में महज 40 सेकेंड का समय लगा।
ऋषि यादव ने बताया ने बताया कि बस में पानी भरने लगा। लोग नींद में थे, बस में दम घुटता जा रहा था। बस के शीशे चटक चुके थे। उन्होंने बस के शीशे में हाथ से मुक्का मारना शुरू किया, तो शीशा टूट गया। शीशा टूटते ही वे बस से बाहर निकल आए। हाथ में चोट थी, इसलिए नाले के दलदल से निकला भी बेहद मुश्किल हो रहा था। इस दौरान एक युवक वहां जो बचाव कार्य में लगा था, उसने मदद की। कुछ और लोगों को भी उसने इस तरह से निकाला।
नाले के दलदल में फसी बस में लगातार पानी भरता जा रहा था। बस में बच्चे, महिलाएं और बूढ़े लोग तड़त रहे थे। बेबसी का ये मंजर, दिल दहला देने वाला था। चीख पुकार मच रही थी। लोगों का बस में बढ़ते पानी के साथ दम घुट रहा था। एक एक कर 29 जानें चली गईं।