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Breast feeding week सिर्फ मां के दूध की तुलना ही अमृत से की जा सकती है

– रेनबो हॉस्पिटल में गोष्ठी एवं जागरूकता कार्यशाला के साथ मनाया विश्व स्तनपान सप्ताह- स्त्री एवं बाल रोग विशेषज्ञों ने समझाया कि क्यों और कितना महत्व है शिशु के लिए मां के दूध का

आगराAug 07, 2019 / 05:57 pm

धीरेंद्र यादव

Breast feeding week

Breast feeding week

आगरा। सिर्फ मां के दूध की तुलना ही अमृत से की जा सकती है। मां का दूध बच्चे के लिए सिर्फ आहार नहीं, बल्कि जीवनरक्षक वरदान है। यह कहना है विशेषज्ञों का। रेनबो हॉस्पिटल में विश्व स्तनपान सप्ताह माताओं एवं परिवारीजनों को जागरूकता अभियान के रूप में मनाया गया। अंतिम दिन अस्पताल के सभागार में एक गोष्ठी एवं व्याख्यानमाला आयोजित हुई।
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Breast feeding week
छोटो स्थानों पर भी हों ब्रेस्ट फीडिंग रूम
अस्पताल के निदेशक डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा ने कहा कि इस तथ्य पर जोर दिया जाना चाहिए कि मां बनने के बाद महिलाओं को उनके व्यस्त कार्यक्रमों के बीच भी बच्चों को स्तनपान कराने की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में ब्रेस्ट फीडिंग रूम के रूप में अब एक नई पहल हुई है। रेलवे, शॉपिंग मॉल्स, मूवी थियेटर्स, अस्पतालों, पेट्रोल पंप आदि सरकारी-गैर सरकारी संस्थानों में माताओं को स्तनपान की सुविधा दी जाने लगी है, यह काफी पहले ही हो जाना चाहिए था। छोटे-छोटे स्थानों पर भी माताओं को यह सुविधा मिलनी चाहिए।
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छह माह तक सिर्फ मां का दूध पिलाएं
वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मनप्रीत शर्मा ने कहा कि शोधों से पता चला है कि जो माताएं अपने बच्चों को नियमित दूध पिलाती , उनका दिल बेहतर काम करता है। इससे महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर, डायबिटीज, हाइपरटेंशन का खतरा भी कम होता है। वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव अग्रवाल ने कहा कि माताओं को चाहिए कि वे अपने बच्चों को दूध जरूर पिलाएं, क्योंकि यह बच्चे के भविष्य की नींव है। यह न सिर्फ उसे कई शारीरिक दुर्बलताओं से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है बल्कि मानसिक तौर पर भी उसे मजबूत बनाता है। डॉ. विनय मित्तल ने कहा कि बच्चों को छह माह तक केवल मां का दूध ही देना चाहिए। संचालन अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजीव लोचन शर्मा ने किया।

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