ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र के मुताबिक इस बार का भाई दूज काफी शुभ है। तिथि में न कोई क्षय है और न ही वृद्धि है। भाई दूज के दिन मंगलवार है। मंगल भाई का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में ये त्योहार अत्यंत मंगलकारक और सुखकारक रहेगा।
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तिलक का शुभ समयसुबह 07:53 से 10:11 बजे तक अतिशुभ समय
10:11 से 12:16 मिनट तक शुभ समय
12:16 से 02:03 बजे तक अति शुभ समय
शाम 04:30 से 04:55 तक शुभ समय
शाम 06:31 मिनट से 08:28 मिनट तक अतिशुभ समय
दोपहर 03:00 से 04:30 राहूकाल रहेगा, इस दौरान तिलक न करें।
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इसलिए मनाया जाता है भाई दूजपौराणिक कथा के अनुसार यमराज और यमुना भगवान सूर्य की संतानें हैं। इनके बीच आपस में बहुत प्रेम था। यमुना यमराज से बहुत स्नेह करती थीं और बार बार उनसे अपने घर आकर भोजन करने का निवेदन करती थीं। अपने कार्य में व्यस्त यमराज अक्सर बात को टालते रहते थे। एक बार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को यमुना ने फिर से भाई यमराज को भोजन के लिए निमंत्रण दिया और उन्हें अपने घर आने के लिए वचनबद्ध कर लिया। यमराज ने सोचा कि मैं तो प्राणों को हरने वाला हूं। मुझे कोई भी अपने घर नहीं बुलाना चाहता। बहन जिस सद्भावना से मुझे बुला रही है, उसका पालन करना मेरा धर्म है। बहन के घर आते समय यमराज ने नरक निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया। यमराज को अपने घर आया देख यमुना की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यमुना ने स्नान कर पूजन करके भाई को व्यंजन परोसे, उनका तिलक किया। यमुना द्वारा किए गए आतिथ्य से यमराज ने प्रसन्न होकर बहन को वर मांगने का आदेश दिया।तब यमुना ने कहा कि भद्र! आप प्रति वर्ष इसी दिन मेरे घर आया करो। मेरी तरह जो बहन इस दिन अपने भाई को आदर सत्कार करके टीका करे, उसे तुम्हारा भय न रहे। यमराज ने तथास्तु कहकर यमुना को अमूल्य वस्त्राभूषण दिए और यमलोक चले गए। तब से इस त्योहार की शुरुआत हुई।
इस दिन बहन द्वारा भाई का तिलक करने से भाई को दीर्घायु प्राप्त होती है। इस दिन को कुछ स्थानों पर यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। भैयादूज को यमराज व यमुना का पूजन किया जाता है। इस दिन यमुना स्नान का विशेष महत्व है।