विश्व धरोहर ताज़महल के साए में भगवा रंग से दीवारों पर पेंटिंग की गई है। पेंटिंग से अंदाजा लगाया जा रहा है कि भाजपा अब ताजमहल के माध्यम से सरकार अपना प्रचार विदेश तक कर रही है। क्योंकि ताजमहल में दुनियाभर से पर्यटक आते है। भाजपा इसको अपना प्रचार प्रसार का केंद्र बना रही है। सत्ता प्रदेश और केंद्र में मौजूद है, इसी की वजह से भाजपा अपनी तानाशाही कर रही है। बता दें कि ताज़महल के पूर्वी गेट पर भगवा रंग से पुताई की गई है। यहां ताज़महल की आकृति की पेंटिंग बनाई गई है। भगवा रंग की पेंटिंग से कई चित्र बनाएं है। जिसमें ताज़महल की मीनारें, मस्जिद की आकृति, जालियां भी बनी हुई है। ताज़महल की भगवा पेंटिंग काफ़ी चर्चाओं में है। देशी विदेशी पर्यटक इसकी और आकर्षित हो रहे है। हालांकि ताज़महल का रंग सफ़ेद है तो सफ़ेद के साथ भगवा रंग का कॉम्बिनेशन कुछ अलग से लग रहा है। ताज़महल में जो भी पर्यटक या आम नागरिक ताज देखने आ रहे हैं भगवा रंग से पेंटिंग देख चर्चा कर रहे हैं। ताज़महल पर फिर एक बार सियासत हो सकती है। गौरतलब है कि बीते दिनों यूपी सरकार के कई मंत्रियों के ताज़महल को लेकर विवादित बयानों ने हलचल पैदा कर दी थी तो वहीं अब ताज़महल पर हुई भगवा पेंटिंग से कहीं न कहीं सियासत गर्मा सकती है।
भगवा पेंटिंग पर भाजपा महानगर अध्यक्ष विजय शिवहरे ने सफाई देते हुए कहा कि भगवा रंग शांति और भाईचारे का संदेश है। ताजमहल विश्व की धरोहर है। इसलिए भगवा रंग के ज़रिए भाजपा का नहीं देश की शांति का प्रचार प्रसार है। इस पेंटिंग को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए और जब आगरा में पर्यटक आए तो वह इस रंग की वजह से शांति का संदेश लेकर जाएं। पर्यटकों को एहसास हो कि यहां शांति और भाईचारे का माहौल है। भगवा किसी पार्टी का नही बल्कि शांति का रंग है।