यह था पूरा मामला जानकारी के मुताबिक थाना हरीपर्वत के दीवानी चौराहे पर केनरा बैंक की मुख्य शाखा है। यहां के असिस्टेंट मैनेजर मुरबाग सिंह ने पुलिस को बताया की उनके बैंक ने स्वर्ण योजना के तहत सोने के आभूषण रखकर लोन देना शुरू किया था। बैंक पहले ग्राहक के सोने के आभूषण की गुणवत्ता की जांच करता था और फिर कीमत के अनुसार लोन दिया जाता था। इसके लिए देवरी रोड निवासी गिरीश चंद और न्यू आगरा निवासी प्रदीप कुमार वर्मा को सोने की गुणवत्ता जांचने के लिए रखा गया था।
22 लोगों को दिलाया लोन मुरबग सिंह के मुताबिक शहर के अलग – अलग पतों के कागजातों पर 22 लोगों द्वारा कुल 34 लाख अड़सठ हजार चार सौ इक्यासी रुपए का गोल्ड लोन लिया गया है। इनके द्वारा पैसे जमा न करने पर जब बैंक ने नोटिस दिए तो कोई भी अपने द्वारा दिए गए पतों पर नहीं मिला। इसके बाद जब अन्य सुनारों के द्वारा सोने के आभूषण की गुणवत्ता जांच की गई तो उनकी क्वालिटी काफी कम निकली।
गैंग बनाकर वारदात का अंदेशा पुलिस कमिश्नर प्रीतिंदर सिंह के निर्देश पर थाना हरिपर्वत पुलिस ने गिरीशचंद्र और प्रदीप कुमार वर्मा के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस जांच कर रही है की यह कहीं पूर्व में कमलानगर में पकड़े गए गैंग की तरह ही कोई गैंग तो नहीं है।