अधिवक्ताओं ने आज काला दिवस के रूप में मनाया। उच्च न्यायालय खंडपीठ की स्थापना संघर्ष समिति के बैनर तले अधिवक्ताओं ने दीवानी से शहीद स्मारक तक पैदल मार्च निकाला। अधिवक्ताओं ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार अधिवक्ताओं को गुमराह कर रही हैं। जस्टिस जसवंत सिंह आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं की जा रही है। अधिवक्ताओं ने केन्द्र सरकार से मांग की कि जस्टिस जसवंत सिंह आयोग की रिपोर्ट लागू करें और अधिवक्ताओं पर हुये लाठीचार्ज के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाये।
26 सितंबर 2001 को दीवान में पुलिस और पीएसी ने अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज किया था। उनके चेंबरों को तोड़ दिया था। घटना में 500 अधिवक्ताओं को चोट लगी थी। इनमें 136 अधिवक्ता गंभीर घायल हो गए थे। पुलिस ने तत्कालीन जिला जज सहित कई न्यायिक अधिकारियों को भी नहीं बख्शा था। उन पर भी लाठीचार्ज किया था। अधिवक्ता बताते हैं कि हाईकोर्ट बेंच बनाने की मांग के लिए संघर्षरत अधिवक्ताओं ने लाठीचार्ज की घटना से दो दिन पहले फरह, मथुरा में आयोजित तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सभा मेें पहुंचकर वी वांट हाईकोर्ट के नारे लगाए थे। उस समय केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। प्रदेश में मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह थे।
आज दीवानी से लेकर संजय प्लेस स्थित शहीद स्मारक तक निकाले गये पैदल मार्च के दौरान आगरा बार एसोसिएशन, आगरा एडवोकेट्स एसोसिएशन सहित तमाम अधिवक्ता संगठनों के अधिवक्ता मौजूद थे।