scriptEkadashi Vrat Type:  कितने प्रकार से कर सकते हैं एकादशी व्रत, जानें कुट्टू का आटा खाएं या नहीं | Ekadashi Vrat Type In how many ways can Ekadashi fast do kuttu ka ata khaen ya nahin ekadashi vrat vidhi ekadashi vrat tut jay to kya karen | Patrika News
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Ekadashi Vrat Type:  कितने प्रकार से कर सकते हैं एकादशी व्रत, जानें कुट्टू का आटा खाएं या नहीं

Ekadashi Vrat Type एकादशी व्रत को अलग-अलग तरीके से करते आपने देखा होगा, कुछ लोग सिर्फ जल ग्रहण करते हैं तो कुछ लोग व्रत के दिन सिर्फ फल, आज आपको बताते हैं कि एकादशी व्रत कितने प्रकार से रखने का विधान शास्त्रों में बताया गया है।

भोपालMay 29, 2024 / 09:07 pm

Pravin Pandey

ekadashi vrat type

एकादशी व्रत कितने प्रकार का होता है, जानने के लिए यहां पढ़ें

एकादशी व्रत आहार

वाराणसी के पं शिवम तिवारी के अनुसार हर व्यक्ति की शक्ति और श्रद्धा अलग-अलग होती है। इसलिए धर्म शास्त्रों में भक्तों को उन्हीं की शक्ति और श्रद्धा के अनुसार व्रत रखने का संदेश धर्म शास्त्रों में दिया गया है। इसी के साथ जानते हैं कितने प्रकार से भगवान विष्णु का प्रिय एकादशी व्रत रख सकते हैं और किस प्रकार से एकादशी व्रत का पालन करना चाहिए। पं. तिवारी के अनुसार धार्मिक ग्रन्थों में चार प्रकार के एकादशी व्रत का वर्णन है, इसे शुरू करने के संकल्प के साथ ही तय कर लेना चाहिए, आइये जानते हैं..

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एकादशी व्रत जलाहर

जलाहर का अर्थ है कि केवल जल ग्रहण करते हुए एकादशी व्रत करना। अधिकांश भक्तगण निर्जला एकादशी पर इस व्रत का पालन करते हैं। हालांकि जो भक्त सामर्थ्यवान है वो सभी एकादशियों के व्रत में इस नियम का पालन कर सकते हैं।

एकादशी व्रत क्षीरभोजी

क्षीरभोजी एकादशी व्रत का अर्थ है क्षीर यानी दूध का सेवन करते हुए एकादशी का व्रत रखना। जब क्षीरभोजी एकादशी का संकल्प लेते हैं तो उसमें दूध निर्मित सभी उत्पाद का व्रत के दिन सेवन कर सकते हैं।

फलाहारी एकादशी व्रत

फलाहारी एकादशी व्रत, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, इस व्रत में केवल फल का सेवन करते हुए एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत में आम, अंगूर, केला, बादाम और पिस्ता आदि फल को ही ग्रहण करने चाहिए। इसमें पत्तेदार शाक-सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए।

नक्तभोजी एकादशी व्रत

नक्तभोजी एकादशी व्रत का अर्थ है कि सूर्यास्त से ठीक पहले दिन में एक समय फलाहार ग्रहण कर सकते हैं। हालांकि इस एकल आहार में सेम, गेहूं, चावल और दालों सहित ऐसे किसी भी प्रकार का अन्न और अनाज को शामिल नहीं करना चाहिए, जिसे एकादशी उपवास में निषिद्ध माना गया है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार एकादशी व्रत के समय नक्तभोजी के मुख्य आहार में साबूदाना, सिंघाड़ा, शकरकंदी, आलू और मूंगफली आदि का सेवन कर सकते हैं।

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कुछ लोग कुट्टू का आटा खाते हैं पर बचें

एकादशी व्रत में कई लोग कुट्टू का आटा और सामक चावल भी एकादशी एकल भोज में ग्रहण करते हैं। लेकिन एकादशी भोजन के रूप में दोनों वस्तुओं पर विद्वान बंटे हुए हैं, क्योंकि इन्हें अर्ध-अन्न अथवा छद्म अन्न माना जाता है। इसलिए व्रत के समय इन वस्तुओं का प्रयोग न करना ही अच्छा है।

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