चश्मदीदों अब्देल-रहमान अहमद और याहिया मोहसिन ने कहा कि, कार्यक्रम में भीड़ बढ़ गई थी। जिसे नियंत्रित करने के प्रयास में हथियारबंद हाउथियों ने हवा में गोली चला दी। यह गालियां बिजली के तार से टकरा गईं, और बड़ा विस्फोट हो गया। इससे दहशत फैल गई। और भगदड़ शुरू हो गई। आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि, उसने दो आयोजकों को हिरासत में लिया है। और इस हादसे की जांच चल रही है।
मंत्रालय के प्रवक्ता ब्रिगेडियर अब्दल-खालेक अल-अघरी ने कहाकि, इस भगदड़ के लिए इवेंट आयोजक दोषी हैं। अगर स्थानीय प्रशासन से बात करके यह चैरिटी कार्यक्रम किया जाता तो ऐसी घटना न होती। आयोजकों ने बेतरतीब तरीके से फंड बांटने का काम किया।
बताया जा रहा है कि, दो दिन बाद ही ईद आने वाली है। जिसे देखते हुए लोगों को यह आर्थिक मदद दी जा रही थी, पर यह हादसा हो गया। पूरे शहर में मायूसी फैल गई है।
मौजूदा वक्त में यमन की राजधानी साना ईरानी समर्थित हूती के नियंत्रण में है। हूती विद्रोहियों ने यमन की सरकार को हटाकर राजधानी पर कब्जा कर लिया था। तभी से यहां गृह युद्ध की शुरुआत हुई। इसकी जड़ में शिया और सुन्नी विवाद में है। दरअसल यमन की कुल आबादी में 35 फीसद की हिस्सेदारी शिया समुदाय की है जबकि 65 फीसद सुन्नी समुदाय के लोग रहते हैं।
1980 के दशक में हूती विद्रोहियों का उदय हुआ था। यमन के उत्तरी क्षेत्र में शिया इस्लाम की एक शाखा जायडिज्म का आदिवासी संगठन बना। हूती विद्रोही उत्तरी यमन में सुन्नी इस्लाम की सलाफी विचारधारा के विस्तार का विरोध करता है। जब यमन में सुन्नी नेता अब्दुल्ला सालेह की सरकार थी तो हूती विद्रोहियों का मानना था कि, सालेह की आर्थिक नीतियों की वजह से उत्तरी यमन में असमानता बढ़ी है।