वक्त के साथ आकार घटने से खिसकने लगा
ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे के रिमोट सेंसिंग विशेषज्ञ डॉ. एंड्रयू फ्लेमिंग के अनुसार लगभग 4 दशक पहले ही यह समुद्र तल पर स्थिर हो गया था लेकिन धीरे-धीरे यह आकार में इतना कम होने लगा कि इसकी पकड़ ढीली हो गई और 3 साल पहले उसने पहली बार इसमें हलचल देखी। एंड्रयू ने अपने कुछ सहकर्मियों से इस बारे में पूछा। शुरू में लगा कि बर्फ के इस स्लैब के पानी के तापमान में कोई संभावित बदलाव हुआ होगा, जिसने इसे उकसाया होगा। लेकिन सभी का मानना था कि अब समय आ गया है कि यह आगे बढ़े।
हिमशैल पथ में बहेगा विशालकाय हिमखंड
ए23ए में हाल के महीनों में हवाओं और धाराओं के कारण तेज़ी आई है और अब यह अंटार्कटिक प्रायद्वीप के उत्तरी सिरे से गुज़र रहा है। इसके जल्द ही अंटार्कटिक सर्कम्पोलर करंट, जिसे आम बोलचाल की भाषा में ‘हिमशैल पथ’ के नाम से जाना जाता है, में बह जाने की उम्मीद है, जो संभवत: इसे दक्षिण अटलांटिक की ओर ले जाएगा। वैज्ञानिक ए23ए की यात्रा पर कड़ी नजर रख रहे हैं क्योंकि यह दक्षिण जॉर्जिया द्वीप पर प्रजनन करने वाले लाखों सील, पेंगुइन और अन्य समुद्री पक्षियों के आहार मार्गों में हस्तक्षेप कर सकता है, जिससे वो अपने बच्चों को ठीक से भोजन नहीं दे पाएंगे।
पर्यावरण के लिए कई मायनों में जीवनदायी
हिमखंड पर्यावरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अमेरिका के वुड्स-होल ओशियनोग्राफिक इंस्टीट्यूशन की डॉ. कैथरीन वॉकर के अनुसार कई मायनों में ये हिमखंड जीवनदायी हैं। ये कई जैविक गतिविधियों के मूल बिंदु हैं। जैसे ही हिमखंड पिघलते हैं वो खनिज धूल छोड़ते हैं, जो समुद्री खाद्य श्रृंखलाओं के आधार पर जीवों के लिए पोषक तत्व के स्रोत के रूप में कार्य करती है। हालांकि सभी हिमखंड अंतत: पिघलने और विघटित होने के लिए बाध्य हैं।