हिज़बुल्लाह का नेतृत्व
नसरुल्लाह के नेतृत्व में, हिज़बुल्लाह ने लंबी दूरी के रॉकेट प्राप्त किए, जिससे वे उत्तर
इज़राइल में हमले कर सके। 2000 में इज़राइल के दक्षिण लेबनान से हटने के बाद, हिज़बुल्लाह ने कब्जे को समाप्त करने के लिए महत्वपूर्ण लोकप्रियता हासिल की। हालांकि 2006 लेबनान युद्ध में इसकी भूमिका के लिए आलोचना हुई, नसरुल्लाह की स्थिति क्षेत्र में बढ़ती रही।
हाल की घटनाएं
हालांकि 27 सितंबर 2024 को, इज़राइली वायु सेना ने
नसरुल्लाह को assassinate करने के उद्देश्य से बेरुत में हिज़बुल्लाह के मुख्यालय को निशाना बनाया । प्रारंभिक रिपोर्टों में पुष्टि की गई कि वह जीवित और सुरक्षित हैं, हालाकि इज़राइल (Israel) के सूत्रों का अनुमान है कि वह मारे गए हो सकते हैं।
नसरुल्लाह का राजनीतिक प्रभाव
हसन नसरुल्लाह का प्रभाव सैन्य कार्रवाइयों से आगे बढ़ता है, उन्होंने लेबनानी राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इज़राइल के खिलाफ प्रतिरोध का प्रतीक माने जाते हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता ने समर्थन और आलोचना दोनों को प्राप्त किया, जिसके कारण कई देशों ने हिज़बुल्लाह को आतंकवादी संगठन के रूप में वर्गीकृत किया है, जबकि रूस और चीन जैसे अन्य देशों में इसे एक वैध समूह के रूप में देखा जाता है।
अब्बास अल-मुसावी की हत्या के बाद नसरुल्लाह हिज़बुल्लाह महासचिव
सन 1960 में बेरूत के उपनगरीय इलाके में एक शिया परिवार में जन्मे, नसरुल्लाह ने अपनी शिक्षा टायर में पूरी की, जब वह कुछ समय के लिए अमल आंदोलन में शामिल हुए, और उसके बाद बालबेक में एक शिया मदरसा में। बाद में उन्होंने अमल स्कूल में अध्ययन और अध्यापन किया। फरवरी 1992 से इज़राइली बलों की ओर से अपने पूर्ववर्ती अब्बास अल-मुसावी की हत्या के बाद से हसन नसरुल्लाह हिज़बुल्लाह के महासचिव हैं। वहीं 31 अगस्त, 1960 को बेरूत के गरीब उपनगर बुर्ज हम्मूद में जन्मे नसरुल्लाह एक बड़े शिया परिवार में पले-बढ़े, आठ भाई-बहनों वाले एक किराना व्यापारी के बेटे थे। उन्होंने कम उम्र से धार्मिक अध्ययन किया और उसके बाद शिया राजनीतिक व अर्धसैनिक समूह अमल आंदोलन में शामिल हो गए।
इज़राइल हसन नसरुल्लाह को इसलिए मारना चाहता है
अब सवाल यह है कि आखिर इज़राइल हसन नसरुल्लाह को मारना क्यों चाहता है तो इज़राइल का कहना है कि उसने इस लेबनान में हिज़बुल्लाह पर हमले वाले ऑपरेशन के बारे में अमेरिका को बताया था, लेकिन पेंटागन के प्रवक्ता ने इस बात से इनकार किया है। इज़राइली पीएम ने अपने संबोधन में कहा था कि इज़राइल को हिज़बुल्लाह को हराना होगा। क्योंकि वह इज़राइल की उत्तरी सीमा पर खतरे पैदा कर रहा है। हिज़बुल्लाह बहुत ताकतवर संगठन है और हिज़बुल्लाह उसे किसी भी कीमत पर खत्म करना चाहता है, इसलिए इज़राइल ने पहले पेजर, वॉकी टॉकी, लैपटॉप और सोलर सिस्टम से टारगेट हिज़बुल्लाह पर सीधे हमले किए और उसके बाद से उस पर हवाई हमले करने का सिलसिला जारी है।