उकसावे की कार्रवाई
सोल की तरफ से यह बयान
उत्तर कोरिया के शनिवार को जारी एक बयान की प्रतिक्रिया में दिया गया है। प्योंगयांग ने दक्षिण कोरिया और अमेरिका के “कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु ऑपरेशन और परमाणु निषेध के बारे में दिशा-निर्देश” जारी करने की आलोचना करते हुए इसे “उकसावे की कार्रवाई” बताया था।
कीमत चुकानी होगी
उत्तर कोरिया ने कहा था कि सोल और वाशिंगटन को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। दिशा-निर्देशों पर हस्ताक्षर की तारीफ करते हुए
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चेतावनी दी थी कि उत्तर कोरिया की तरफ से दक्षिण कोरिया के खिलाफ किसी भी परमाणु हमले के खिलाफ त्वरित, कठोर और निर्णायक कार्रवाई की जाएगी।
परमाणु खतरा
दक्षिण कोरियाई के रक्षा मंत्रालय ने आज जारी एक बयान में कहा, “अव्वल तो, उत्तर कोरिया की तरफ से परमाणु खतरा नहीं होता तो इस संयुक्त दिशा-निर्देश की जरूरत ही नहीं होती। उत्तर कोरिया की बढ़ती परमाणु क्षमता और परमाणु धमकियों के मद्देनजर दक्षिण कोरिया-अमेरिका संगठन की ओर से उठाया गया यह कदम उचित है।” परमाणु मिसाइल बनाना जारी
मंत्रालय ने कोरियाई प्रायद्वीप में बढ़ते तनाव के लिए उत्तर कोरियाई शासन को जिम्मेदार ठहराया है। उसने कहा, “अंतररााष्ट्रीय समुदाय के विरोध और
उत्तर कोरिया के लोगों की पीड़ाओं के बावजूद प्योंगयांग प्रशासन अवैध रूप से परमाणु मिसाइल बनाना जारी रखे हुए है।”
चेतावनी दी थी
उत्तर कोरिया के इस साल अप्रेल में परमाणु प्रतिघात से मिलते-जुलते रॉकेट ड्रिल के बाद भी दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रालय ने इसी तरह की चेतावनी दी थी। ये भी पढ़े:
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