“यूक्रेन से लड़ों या सज़ा भुगतो”
दरअसल इतने लंबे समय से युद्ध के मैदान पर बने रहने और अपने घर और परिवार वालों से दूर रहने की वजह से कई रुसी सैनिकों का मनोबल अब गिर चुका है। इस युद्ध में अब तक रूस के भी कई सैनिक मारे जा चुके हैं और कई सैनिकों को यूक्रेन की सेना ने बंदी बना लिया है। वहीँ सैनिकों की पत्नियाँ भी अपने पतियों को युद्ध से वापस घर लौटने के लिए सरकार का विरोध कर रही हैं। ऐसे में पुतिन रूस की जेलों में बंद कैदियों को युद्ध में लड़ने के लिए जेल से रिहा कर रहे है। पुतिन ने इन सभी कैदियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि या तो यूक्रेन से लड़ो या सज़ा भुगतो।
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युद्ध में शामिल होने पर रिहाई, मना करने पर बहुत बुरा अंजाम
एक रिपोर्ट के अनुसार युद्ध के मैदान में रुसी सैनिक धीरे-धीरे कम हो रहे हैं। कई सैनिकों का मनोबल कम हो रहा है। ऐसे में पुतिन अपने देश के कैदियों को युद्ध में उतारना चाहते है। युद्ध में शामिल होने वाले कैदियों को रिहाई मिलेगी। पर जो कैदी इससे मना करेगा, उसके साथ बहुत बुरा अंजाम होगा। रिपोर्ट के अनुसार ऐसे कैदियों की सज़ा बढ़ाई जा सकती है और उन्हें बुरी तरह से टॉर्चर किया जाएगा। यहाँ तक ऐसे कैदियों की हत्या तक की जा सकती है।